Pakistan Economic Crisis: दक्षिण एशियाई देश पाकिस्तान की करेंसी गर्त में जा रही है. महंगाई के चलते आवाम आंसू बहाने को मजबूर है, ऐसे में वहां की हुकूमत बाहरी मदद मिलने का इंतजार कर रही है. पाकिस्तान को कर्ज के दलदल से बाहर निकालने में अहम रोल अदा करने वाले यूएई और सउदी अरब दोनों खाड़ी देश भी अब पाकिस्तानी हुकूमत को मदद नहीं दे पा रहे. इन देशों ने पाकिस्तानी हुकूमत को यह साफ संकेत दे दिया है कि यदि उसे अपनी अर्थव्यवस्था सुधारनी है तो कश्मीर जैसे मसले को उनके मंच से अलग करना होगा.


यूएई और सउदी अरब ने कश्मीर पर शोर न मचाने की सलाह दी


एबीपी न्यूज चैनल पर प्रसारित 'पाकिस्तान इकोनॉमिक क्राइसिस' शो में एक्सपर्ट्स ने बताया कि पाकिस्तान के ऊपर भारी दबाव है. पाकिस्तानी फॉरेन पॉलिसी भी हाशिए पर है. पड़ोसी इस्लामिक देशों ने पाकिस्तान को मशविरा दिया है कि यदि उसे अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना है तो कश्मीर मुद्दे को साइड में करना होगा. साथ ही पाकिस्तान आर्टिकल 370 पर शोर मचाना बंद कर दे. यूएई और सउदी अरब ने पाकिस्तानी हुकूमत को इन मसलों पर चुप्पी साधने को कहा है. दरअसल, इसके पीछे की बड़ी वजह यूएई के भारत से बढ़ते व्यापारिक रिश्ते हैं. यूएई कश्मीर में बड़ा निवेश करने वाला है.


'भारत से अमन बहाल करे पाकिस्तानी हुकूमत'


पाकिस्तानी पत्रकार कामरान यूसुफ ने कहा कि जैसे-जैसे पाकिस्तान की इकोनॉमी डूब रही है, हमारे लिए मुश्किलें बढ़ रही हैं. ऐसे में जो मुल्क हमारे दोस्त हैं वो भी यह एडवाइज दे रहे हैं कि आप भारत के साथ अमन बहाल करें और कश्मीर को लेकर शोर-शराबा करना बंंद करें. यूएई और सउदी अरब..ये दोनों मुल्क ऐसे हैं जो मुश्किल हालत में पाकिस्तान की मदद करते हैं, इनका यही कहना है कि पाकिस्तान भारत से संबंधों को बहाल करे. इन दोनों की पाकिस्तानी हुकूमत के लिए एडवाइज है कि आप कश्मीर को भूलें और अपनी आंतरिक हालत सुधारने के​ लिए आगे बढ़ें.''




  • पाकिस्तान इकोनॉमिक क्राइसिस पर विशेष शो को एबीपी न्यूज पर पूरा देखा जा सकता है. (यहां क्लिक करें).


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