Mango Diplomacy: पाकिस्तान इन दिनों मैंगो डिप्लोमेसी करने में बिजी है. वह भारत के विपक्षी सांसदों के साथ रिश्ते कायम करने के लिए उन्हें गिफ्ट में आम की पेटियां भेज रहा है. बीजेपी ने दावा किया है कि दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग की तरफ से विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत सात सांसदों को आम की पेटियां गिफ्ट की गई हैं. मैंगो डिप्लोमेसी से तात्पर्य दो देशों के बीच मधुरता को बढ़ाने के लिए आम भेजने से है. 


बीजेपी नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन विपक्षी सांसदों के नाम पोस्ट किए हैं, जिन्हें पाकिस्तान से आम मिला है. उन्होंने पोस्ट में लिखा, "पाकिस्तान उच्चायोग इन चुनिंदा 7 भारतीय सांसदों को आम के कार्टन क्यों भेजेगा? राहुल गांधी, कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मोहिब्बुल्लाह नदवी, जिया उर रहमान बर्क, अफजाल अंसारी और इकरा हसन. कुछ लोगों को आम कौन भेजता है, इससे भी पहचाना जा सकता है."






पाकिस्तान से कोई डील तो नहीं हो रही: गिरिराज सिंह


जहां एक ओर अमित मालवीय ने सात सांसदों को आम भेजने का दावा किया है, वहीं केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के फायब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने सीधे राहुल गांधी को निशाने पर लिया है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, "राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश का आम अच्छा नहीं लगता मगर राहुल और उनके टुकड़े टुकड़े गैंग को पाकिस्तान से जब आम आता है तो इसके स्वाद अच्छे लगते हैं. क्या Mango Diplomacy में पाकिस्तान के साथ कोई डील तो नहीं हो रहा ?"






मीडिया से बात करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने कुछ समय यूपी का आम अच्छा नहीं लगने की बात कही थी. अब पाकिस्तानी दूतावास से उनको आम भेजा गया है. उन्हें बताना चाहिए कि पाकिस्तान के आम के साथ-साथ उन्हें क्या-क्या अच्छा लगता है. क्या वह मोदी को हटाने के लिए पाकिस्तान से कुछ नया मांगने गए हैं. गिरिराज सिंह ने दावा किया कि राहुल गांधी के पाकिस्तान के साथ नापाक रिश्ते हैं. 


क्या है मैंगो डिप्लोमेसी?


दरअसल, कूटनीति में आम का इस्तेमाल मधुर रिश्तों को दिखाने के लिए किया जाता है. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी इस टूल का बखूबी इस्तेमाल किया है. बांग्लादेश की पीएम बनने के बाद वह हर साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आम भेजती थीं.


सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी शेख हसीना की तरफ से गिफ्ट में आम भेजे जाते थे. विदेश मंत्रालय के रिकॉर्ड से पता चलता है कि भारत-चीन युद्ध से पहले, 1950 के दशक के दौरान भारत ने चीन के साथ भी कूटनीति के इस रूप का इस्तेमाल किया था. 


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