जिनेवा: कश्मीर को लेकर बौखलाए पाकिस्तान की संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में एक बार फिर बड़ी हार हुई है. 42 वें यूएनएचआरसी के सत्र में कश्मीर पर प्रस्ताव लाने के लिए पाकिस्तान को समर्थन नहीं मिला. सूत्रों ने बताया कि अधिकांश सदस्य देशों ने कश्मीर पर प्रस्ताव रखने के लिए पाकिस्तान का समर्थन करने से इनकार कर दिया.


यूएनएचआरसी में  हिस्सा ले रहे हैं 47 देश


भारत के लिहाज से यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी बड़ी कूटनीतिक जीत है. भारत ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के झूठे आरोपों का जवाब देने के लिए अजय बिसारिया के नेतत्व में यूएनएचआरसी में उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजा है. बिसारिया पूर्व में पाकिस्तान में भारत के हाई कमिश्नर रह चुके हैं. यूएनएचआरसी में 47 देश हिस्सा ले रहे हैं.


बता दें कि इससे पहले यूएनएचआरसी से संबंधित एक झूठे दावे को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की खूब किरकिरी हुई थी. इमरान खान ने दावा किया था कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान को 58 सद्स्य देशों ने समर्थन दिया है. जबकि यूएनएचआरसी में केवल 47 सदस्य ही हैं.


कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मामला 


भारत, कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मामला मानता है और इसमें तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है. बावजूद इसके पाकिस्तान कभी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मदद लेने की बात करता है तो कभी वह दुनिया के सामने कश्मीर को लेकर झूठे दावे करता है. हालांकि भारत ने पाकिस्तान को यह स्पष्ट कर दिया है कि सीमा पार से हमले और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते हैं. भारत ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म कर दिया था. तभी से पाकिस्तान इस फैसले को लेकर बौखलाया हुआ है.


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