(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
SCO Meeting: एससीओ बैठक के दायरे और पुराने मुद्दों से बंधा होगा बिलावल भुट्टो का गोवा दौरा, करीब 24 घंटे बिताएंगे भारतीय ज़मीन पर
SCO Meeting In Goa: एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर एस जयशंकर और बिलावल भुट्टो के बीच द्विपक्षीय मुलाकात की संभावना नहीं है.
Bilawal Bhutto India Visit: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के लिए भारत आ रहे पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारतीय जमीन पर करीब 24 घंटे रुकेंगे. करीब 12 बरस बाद पाकिस्तान का कोई विदेश मंत्री भारत में होगा. हालांकि भारत-पाक संबंधों में मौजूद खटास का ही सबब है कि शंघाई सहयोग संगठन के परचम तले हो रही इस बैठक के हाशिए पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की द्विपक्षीय मुलाकातों की लिस्ट में पाक विदेश मंत्री का नाम शामिल नहीं है.
ऐसे में पाक विदेश मंत्री का गोवा दौरा दोनों पड़ोसी मुल्कों के रिश्तों में फिलहाल किसी बड़े बदलाव का मोड़ नहीं लाएगा. भारत की अगुवाई में हो रही एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों की अहम बैठक 5 मई की सुबह करीब 10 बजे शुरू होगी और दोपहर के भोज के साथ समाप्त हो जाएगी. इस बैठक में शरीक होने के लिए पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो का गल्फ-स्ट्रीम चार्टेड विमान गोवा हवाई अड्डे पर 4 मई को शाम करीब 4 बजे तक पहुंच जाएगा. उसी शाम को एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों का एक रात्रिभोज भी आयोजित किया गया है.
बिलावल ताज ग्रुप के रिसॉर्ट में बिताएंगे वक्त
इसे संयोग कहिए या संदेश, लेकिन गोवा में पाक विदेश मंत्री अपना अधिकतर समय ताज समूह के रिसॉर्ट में ही बिताएंगे जो बैठक का आयोजन स्थल भी है. ध्यान रहे कि गोवा से लगभग 600 किमी दूर मुंबई के ताज होटल को 2008 में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने निशाना बनाया था. वो भी ऐसे वक्त जब पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री भारत की धरती पर ही मौजूद थे. मुंबई पर हुए आतंकी हमले और उसके बाद पाक से भारत को मिले आतंकवाद के घावों ने दोनों देशों की बीच रिश्तों की बेहतरी की कोशिशों को नाकाम ही किया.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री के भारत दौरे पर न केवल दोनों देशों के बीच सीमा-पार प्रायोजित आतंकवाद के पुराने विवादों का साया दिखाई देगा बल्कि चंद माह पहले पीएम मोदी को लेकर दिए बिलावल भुट्टो के आपत्तिजनक बयान की खटास का भी असर होगा. पाक विदेश मंत्री ने दिसंबर 2022 में पीएम मोदी के लिए कसाई जैसे शब्द का इस्तेमाल किया था जिसके बाद भारत सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया के साथ अपना एतराज दर्ज कराया था. ऐसे में बिलावल भुट्टो के दौरे में इस तल्ख बयानी की छाया भी नजर आएगी.
साथ ही गोवा में हो रही बैठक के कारण SCO देशों के विदेश मंत्रियों के पीएम मोदी के साथ शिष्टाचार मुलाकात जैसी किसी औपचारिकता की गुंजाइश भी नहीं होगी. आम तौर पर ऐसी किसी बैठक के लिए जमा होने वाले विदेश मंत्री मेजबान देश के शासन प्रमुख से भी मिलने आते हैं.
SCO के मंच पर उठेगा आतंकवाद का मुद्दा
भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच किसी द्विपक्षीय मुलाकात की गुंजाइश भले ही न हो लेकिन दोनों मुल्कों के रिश्तों खटास का बड़ा कारण बनने वाला आतंकवाद का मुद्दा एससीओ के मंच पर प्रमुखता से जरूर उठेगा. इस बैठक के लिए एससीओ के क्षेत्रीय आतंकवाद निरोधक तंत्र के महानिदेशक भी गोवा में मौजूद होंगे.
हालांकि सूत्रों ने साफ किया कि एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक एक तय एजेंडा के अनुसार होती है और उसके तहत अपनी मर्जी से और द्विपक्षीय मतभेद से जुड़े मुद्दे उठाने की गुंजाइश नहीं है.
गोवा में हो रही विदेश मंत्रियों की यह बैठक जुलाई में होने वाली SCO शिखर बैठक के लिए जमीन तैयार करेगी. नई दिल्ली में होने वाली इस बैठक के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत सभी सदस्य देशों को निमंत्रित किया जाना है. भारत में होने वाली बैठक में ईरान पहली बार SCO के पूर्ण सदस्य के तौर पर शरीक होगा.
करीब दो दशक पुराने इस क्षेत्रीय संगठन में भारत समेत 8 सदस्य देश हैं. ईरान, बेलारूस और मंगोलिया अब तक पर्यवेक्षक के तौर पर शरीक होते रहे. वहीं अजरबैजान, आर्मीनिया, कंबोडिया, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका, सऊदी अरब, कतर और यूएई समेत 14 देश डायलॉग पार्टनर के तौर पर शामिल हैं.
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