Bilawal Bhutto India Visit: भारत दौरे पर आएंगे पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो, बातचीत को लेकर क्या बोला विदेश मंत्रालय?
Bilawal Bhutto Zardari India Visit: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गोवा में 4-5 मई को होने वाली एससीओ विदेश मंत्री परिषद की बैठक में शामिल होंगे.
SCO Meeting: भारत में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के शामिल होने पर भारत ने गुरुवार (20) को बयान दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि किसी सदस्य विशेष पर ध्यान केंद्रित करना उचित नहीं होगा. बागची ने आगे कहा कि पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बातचीत पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगी.
पाकिस्तान ने गुरुवार (20 अप्रैल) को बताया कि विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी अगले महीने हिंदुस्तान में में होने वाली एससीओ की बैठक में हिस्सा लेंगे. इसके बाद दोनों देशों के संबंधों में आई कड़वाहट के कम होने की उम्मीद है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जेहरा बलूच ने इसकी घोषणा की.
नौ साल में किसी पाकिस्तानी मंत्री की पहली यात्रा
बलूच ने कहा कि बिलावल भुट्टो जरदारी भारत के गोवा में 4-5 मई को होने वाली एससीओ विदेश मंत्री परिषद (सीएफएम) की बैठक में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. इसके साथ ही हफ्तों से चली आ रही इन अटकलों पर विराम लग गया कि भुट्टो व्यक्तिगत रूप से सम्मेलन में हिस्सा लेंगे या नहीं.
बलूच ने कहा कि पाकिस्तान के जरदारी भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के निमंत्रण पर सम्मेलन में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि मीटिंग में हमारी भागीदारी एससीओ चार्टर और प्रक्रियाओं के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता और पाकिस्तान की विदेश नीति की प्राथमिकताओं में क्षेत्र को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाती है. इससे पहले 2014 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ हिंदुस्तान पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आए थे.
"It will not be appropriate to focus on a particular member," says MEA spokesperson on the participation of Pakistan in SCO FMs meet in Goa in the month of May. pic.twitter.com/vWhY4DHDK8
— ANI (@ANI) April 20, 2023
कब संबंध तनावपूर्म हुए
फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट कर दिया था, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए थे. अगस्त 2019 में भारत ने जम्मू- कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेकर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था, जिसके बाद दोनों देशों के संबंधों में और कड़वाहट पैदा हो गई.
भारत हमेशा क्या कहता रहा है?
भारत कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी की तरह संबंध रखना चाहता है. हालांकि दूसरी ओर वह इस बात पर जोर देता है कि ऐसे संबंध कायम करने के लिए आतंकवाद और तनावमुक्त माहौल बनाना पाकिस्तान की जिम्मेदारी है.
पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने 2011 में भारत का दौरा किया था. मई 2014 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए हिंदुस्तान आए थे. दिसंबर 2015 में, तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान का दौरा किया था और कुछ दिन बाद मोदी थोड़ी देर के लिए पाकिस्तान में रुके थे.
शंघाई सहयोग संगठन क्या है?
न्यूज एझेंसी पीटीआई के मुताबिक. एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में हुए रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों के शिखर सम्मेलन में की गई थी. बाद के वर्षों में यह सबसे बड़े क्षेत्रीय संगठनों में से एक बनकर उभरा. हिंदुस्तान और पाकिस्तान 2017 में चीन में एससीओ के स्थायी सदस्य बने थे.