नई दिल्ली/लाहौर: मुंबई हमलों (26/11) के मास्टरमाइंड और कुख्यात आतंकी हाफिज सईद की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. पाकिस्तान सरकार ने लाहौर हाईकोर्ट को बताया है कि मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और जमात उद दावा का प्रमुख हाफिज सईद और उसके चार सहयोगियों को हिरासत में लिया जाना कानून का उल्लंघन नहीं है.


ऐसी गतिविधियों में लिप्त हैं जो शांति एवं सुरक्षा के लिए हानिकारक


सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि जमात उद दावा और इससे जुड़े संगठन फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन ऐसी गतिविधियों में लिप्त हैं जो शांति एवं सुरक्षा के लिए हानिकारक हो सकती हैं. अदालत को सौंपे गए लिखित जवाब में पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने यह बातें कही हैं.


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नेताओं को 30 जनवरी को हिरासत में लिए जाने का बचाव किया


पाक सरकार ने जमात उद दावा के नेताओं को 30 जनवरी को हिरासत में लिए जाने का बचाव किया. सरकार ने कहा कि कार्रवाई आतंकवाद रोधी कानून 1997 के तहत की गई है. मंत्रालय ने कहा कि जमात उद दावा और एफआईएफ को विदेश मंत्रालय द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर निगरानी में रखा गया.


जमात उद दावा और एफआईएफ की गतिविधियां अच्छी नहीं हैं


सरकार के अनुसार, ‘उस रिपोर्ट के परिप्रेक्ष्य में संघीय सरकार के पास यह विश्वास करने के कारण थे कि जमात उद दावा और एफआईएफ कुछ ऐसी गतिविधियों में संलिप्त हैं जो शांति एवं सुरक्षा के लिए हानिकारक और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के प्रति पाकिस्तान के दायित्व का उल्लंघन हो सकती हैं.’


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उसके सहयोगियों की याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया


गृह मंत्रालय ने अदालत से हिरासत को चुनौती देने वाली सईद और उसके सहयोगियों की याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया. न्यायाधीश सदाकत अली खान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने रिपोर्ट का अध्ययन किया और याचिका पर सुनवाई 27 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी.


सईद और चार नेताओं को आतंकवाद रोधी कानून के तहत नजरबंद कर दिया था


पाकिस्तान सरकार ने 30 जनवरी को जमात उद दावा और एफआईएफ के सईद और चार नेताओं को आतंकवाद रोधी कानून के तहत लाहौर में नजरबंद कर दिया था. सईद ने मलिक जफर इकबाल, अब्दुर रहमान आबिद, काजी काशिफ हुसैन और अब्दुल्ला उबैद के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता एके डोगर के जरिए लाहौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.


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सईद और उसके सहयोगियों ने अपनी याचिकाओं में आरोप लगाया है


सईद और उसके सहयोगियों ने अपनी याचिकाओं में आरोप लगाया है कि सरकार ने उन्हें किसी कानूनी अधिकारक्षेत्र के बिना हिरासत में लिया है. सईद को 2008 के मुंबई हमलों के बाद भी नजरबंद किया गया था, लेकिन एक अदालत ने 2009 में उसे रिहा कर दिया था.


उसकी भूमिका के कारण अमेरिका ने एक लाख डॉलर का इनाम घोषित


सईद पर आतंकी गतिविधियों में उसकी भूमिका के कारण अमेरिका ने एक लाख डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है. गौरतलब है कि भारत की ओर से कई दफा इस बारे में सबूत पेश किए गए हैं. इसके साथ ही भारत सईद पर लगातार कार्रवाई की मांग कर रहा है.