Pakistan: कटास राज मंदिर में दर्शन कर पाएंगे 114 हिंदू तीर्थयात्री, पाकिस्तान हाई कमीशन ने जारी किए वीजा
Katas Raj Temples: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के उत्तरी भाग में नमक कोह पर्वत शृंखला में श्री कटास राज मंदिर हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है. इसका निर्माण खटाना गुर्जर राजवंश ने करवाया था.
Hindu Pilgrims Of India Got Visa For Katas Raj Temples: पाकिस्तान उच्चायोग ने पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में 12 से 22 फरवरी के बीच श्री कटास राज मंदिर के दर्शन के लिए भारत के 114 हिंदू तीर्थयात्रियों के समूह को वीजा जारी किए हैं. नई दिल्ली में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग ने बुधवार (15 फरवरी) को यह जानकारी दी. पाकिस्तान उच्चायोग (Pakistan High Commission) ने बयान में कहा है कि सिख और हिंदू तीर्थयात्रियों को वीजा जारी करना धार्मिक स्थलों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के पाकिस्तान सरकार के प्रयासों के अनुरूप है.
पाकिस्तानी राजदूत ने दी शुभकामनाएं
भारत में पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी राजदूत सलमान शरीफ (Salman Sharif) ने हिंदू तीर्थयात्रियों को आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पवित्र धार्मिक स्थलों के संरक्षण तथा सभी धर्मों के तीर्थयात्रियों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.
धार्मिक स्थलों के दौरे को लेकर वर्ष 1974 के द्विपक्षीय प्रोटोकॉल के तहत हिंदू तीर्थयात्रियों को श्री कटास राज मंदिर (Shree Katas Raj Temples) की यात्रा कराई जा रही है. कटास राज मंदिर किला कटास (Qila Katas) नाम से भी मशहूर है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के उत्तरी भाग में नमक कोह पर्वत शृंखला में ये हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ है. कटास राज मंदिर का निर्माण खटाना गुर्जर राजवंश ने किया था. यहां एक प्राचीन शिव मंदिर भी है.
@PakinIndia has issued 114 visas to a group of Indian Hindu pilgrims for their visit to the prominent and sacred Shree Katas Raj Temples, also known as Qila Katas, in Chakwal district of Punjab from 16-22 February 2023.@ForeignOfficePk@salmansharif_pk
— Pakistan High Commission India (@PakinIndia) February 15, 2023
बीते साल से बढ़े हिंदू तीर्थयात्रियों के वीजा
बीते साल पाकिस्तान उच्चायोग ने 20-25 दिसंबर तक की श्री कटासराज मंदिरों की यात्रा के लिए भी वीजा जारी किए थे. तब पंजाब के चकवाल (Chakwal) जिले स्थित इन मंदिरों की यात्रा के लिए भारतीय हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए 96 वीजा जारी किए गए थे.
इतिहासकारों और पुरातत्व विभाग के मुताबिक, इस जगह को शिव नेत्र कहा जाता है. मान्यता है कि पार्वती माता के सती होने पर भगवान शिव की आंखों से दो आंसू टपके थे. इनमें से एक आंसू कटास पर गिरा और अमृत बन गया. यहां कटास राज के तौर पर आज भी ये अमृत कुण्ड तीर्थ के तौर पर है. दूसरा आंसू राजस्थान के अजमेर में गिरा था, जहां आज पुष्करराज तीर्थ स्थल है.
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