Jammu Kashmir Terrorism: जम्मू-कश्मीर में लगातार टूटती आतंक की कमर को मजबूत करने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई लगातार कोशिश कर रही है. इसमें पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों ने मिलकर प्रदेश में महिला ओवरग्राउंड वर्कर और अंडर ग्राउंड वर्कर के नेटवर्क को सक्रिय करने का प्लान बनाया है. इसके साथ ही आईएसआई, पीओके में मुरीदके के पास एक आतंकी ट्रेनिंग कैंप चला रही है, जहां महिलाओं को आतंक की विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है. 


जम्मू-कश्मीर में आतंकियों पर लगातार कार्रवाई से बौखलाया पाकिस्तान राज्य में आतंक को दोबारा फैलाने का एक नया गेम प्लान रच रहा है. खुफिया एजेंसियों ने एबीपी न्यूज़ को बताया है कि पाकिस्तान अब जम्मू-कश्मीर में महिलाओं को बतौर ओवरग्राउंड वर्कर और अंडर ग्राउंड वर्कर के रूप में काम करने के लिए तैयार कर रहा है, ताकि इन महिलाओं के जरिए जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाया जा सके. 


आतंकियों की रीढ़ हैं ये  
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में ओवरग्राउंड वर्कर और अंडर ग्राउंड वर्कर आतंकियों की रीढ़ होती हैं. यह हर आतंकी गतिविधि को अंजाम देने के लिए आतंकियों की हर संभव मदद करते हैं. सूत्रों ने एबीपी न्यूज़ को बताया है कि प्रदेश में महिला ओवरग्राउंड और अंडर ग्राउंड वर्कर के रूप में आईएसआई उन्हीं महिलाओं को प्राथमिकता दे रहा है, जिनका कोई परिवार वाला आतंकी गतिविधियों में संलिप्त रहा हो या जिनका संबंध सीधा किसी आतंकी से रहा हो. 


महिलाएं आराम ये काम आराम से कर सकती हैं


सूत्रों ने बताया कि इन महिलाओं को ओवरग्राउंड वर्कर और अंडरग्राउंड वर्कर बनाकर फिलहाल आईएसआई इनसे प्रदेश में आईईडी स्टिकी बम लगवाना चाहती है. बता दें कि हाल के दिनों में पाकिस्तान ने लगातार ड्रोन के जरिए जम्मू-कश्मीर में रेडी टू यूज स्टिक की ओर आईईडी भेजे हैं जो लगाने में बेहद आसान होते हैं. पाकिस्तान द्वारा ड्रोन के जरिए भेजे गए इन रेडी टू यूज विस्फोटकों को दो तारें जोड़कर सक्रिय किया जा सकता है जो काम महिलाएं आराम से कर सकती हैं. 


तीन दर्जन महिलाओं को ट्रेनिंग


सूत्रों ने एबीपी न्यूज़ को बताया है कि इस काम के लिए महिलाएं इसलिए भी आईएसआई की पहली पसंद हैं क्योंकि महिलाओं पर आमतौर पर सुरक्षा बल शक नहीं करते. पाकिस्तान में सक्रिय आईएसआई पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुरीदके के पास एक आतंकी शिविर भी चला रहा है जहां करीब ढाई से तीन दर्जन महिलाओं को दोराय सफा की ट्रेनिंग दी जा रही है. 


धर्म के साथ हथियारों की ट्रेनिंग


इस ट्रेनिंग में इन महिलाओं को जहां धार्मिक शिक्षा दी जा रही है वहीं उसी धार्मिक शिक्षा की आड़ में इन महिलाओं को बेसिक वेपन हैंडलिंग के साथ-साथ आईडी को सक्रिय कर उसे लगाने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है. 


सूत्रों ने एबीपी न्यूज़ को बताया है कि इसके पीछे पाकिस्तान की मंशा यह है कि ट्रेनिंग के बाद इन महिलाओं को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के साथ उनकी पत्नी या रिश्तेदार बनाकर जम्मू-कश्मीर भेजा जा सकता है, जहां यह महिलाएं अपना नेटवर्क खड़ा कर सकती हैं. 


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