नई दिल्ली: इस्लामिक देशों के समूह OIC ने पाकिस्तान की उम्मीदों को एक बार फिर झटका दिया है. नाइजर के नाइमे में 27 और 28 नवम्बर को होने वाली इस्लामिक देशों के समूह OIC के विदेश मंत्री परिषद के बैठक एजेंडा में फिलहाल कश्मीर को नहीं रखा गया है. ज़ाहिर है यह कश्मीर के नाम पर ढिंढोरा पीटकर हर अंतरराष्ट्रीय बैठक में पहुंचने वाले पकिस्तान के मंसूबो और कोशिशों पर पानी फेरने वाला कदम है.


इससे पहले पाक विदेश मंत्रालय ने बाकायदा बयान जारी कर कहा था कि अफ्रीकी देश नाइजर में होने वाली OIC विदेश मंत्री परिषद की 47वीं बैठक के दौरान कश्मीर मुद्दे पर जोर-शोर से चर्चा होगी. हालांकि बैठक से पहले OIC के महासचिव यूसुफ अल ऑथमीन की तरफ से रखे गए एजेंडा ने पकिस्तान के दावों की किरकिरी कर दी.


OIC विदेशे मंत्रियों की बैठक के लिए जो विषय तय हुए हैं उनमें मुस्लिम जगत के सामने मौजूद चिंताओं, फिलस्तीन का मुद्दा, हिंसा, चरमपंथ और आतंकवाद से  मुकाबला, इस्लामोफोबिया, धार्मिक भावनाओं का अपमान, जैसे मुद्दों पर चर्चा को शामिल किया गया है. इसके अलावा गैर सदस्य देशों में मुसलमानों की स्थिति के अलावा अंतरराष्ट्रीय अदालत में रोहिंग्या मामले के लिए धन जमा करने की कवायद भी की जानी है.


सूत्रों के मुताबिक, मेज़बान रिपब्लिक ऑफ नाइजर ने अभी तक OIC के कथित कश्मीर कॉन्टेक्ट ग्रुप के आयोजन पर भी कोई स्पष्टता नहीं दी है. ऐसे में OIC के मंच का इस्तेमाल कर भारत के खिलाफ जहर उगलने के पाक मंसूबो को झटका ज़रूर लगा है. हालांकि माना जा रहा है कि बैठक में शामिल होने पहुँचे पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी एक बार फिर पुराना कश्मीर-राग भी अलापें और भारत विरोधी भड़ास भी निकालें.


समर्थन की पेशबंदी में पाक विदेश मंत्री नाइजर से पहले  बाकायदा सऊदी अरब के जेद्दाह भी पहुंचे थे. स्टॉप ओवर के बहाने सऊदी अरब की मुलाकातों में मन्शा पाकिस्तानी एजेंडा के लिए हिमायत बटोरने की ही थी. सऊदी अरब मुस्लिम जगत का बड़ा अगुवा है और बीते कुछ समय से पाकिस्तान की करतूतों को लेकर उससे खफा भी चल रहा है.


संयोग है कि कुरैशी की इस यात्रा के साथ ही भारतीय विदेश मंत्री डॉ इस जयशंकर भी 26 नवम्बर को सऊदी अरब की राजधानी रियाध पहुँचे. भारत और सऊदी अरब के बीच बढ़ते संवाद और आपसी सहयोग के मद्देनजर भारतीय विदेश मंत्री का यह दौरा अहम है. कोविड संकट के दौरान भारत के निकट सहयोगियों से सीधे संवाद की कड़ी में विदेश मंत्री 24 से 29 नवम्बर तक बहरीन, सऊदी अरब और सेशल्स के दौरे पर हैं.