नई दिल्ली: एक बार फिर पाकिस्तान का निष्ठुर व्यवहार सामने आया है. एक बेटा अपनी ही मां के पैर तक नहीं छू सका, एक पत्नी अपने पति के गले तक नहीं लग सकी. आपको जानकर हैरानी होगी कि कुलभूषण जाधव से उनकी मां और पत्नी की मुलाकात शीशे की दीवार के बीच पाकिस्तान ने कराई. ना मां अपने बेटे को छू पाई औऱ ना ही पत्नी पति से सही से बात कर पाई. कुलभूषण जाधव की उनकी मां और पत्नी से जो भी बात हुई वह इंटरकॉम के स्पीकर के जरिए हुई और वहां मौजूद पाकिस्तानी अधिकारी पूरी बातचीत साफ-साफ सुन रहे थे.
करीब 40 मिनट तक चली मुलाकात
कुलभूषण जाधव की अपनी मां और पत्नी से मुलाकात करीब 40 मिनट तक चली. मुलाकात के बाद एक वीडियो आया जिसमें कुलभूषण जाधव ने पाकिस्तान को शुक्रिया कहा. जाधव ने कहा कि मैंने अपनी मां और पत्नी से मुलाकात की गुजारिश की थी और मैं पाकिस्तानी सरकार का मुलाकात कराने के लिए शुक्रिया अदा करता हूं.
जाने-माने वकील हरीश साल्वे जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय अदालत में कुलभूषण जाधव के मामले की पैरवी की थी. उन्होंने सोमवार को कहा कि वे जाधव की उसकी मां और पत्नी से इस्लामाबाद में हुई मुलाकात में निराश थे और उनके मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंतित थे.
जो देखा वह निराशाजनक- हरीश साल्वे
साल्वे ने एक अंग्रेजी न्यूज चैनल से कहा, "हमने आज जो देखा वह निराशाजनक है. मनुष्य के रूप में हमें आज भौगोलिक राजनीति से ऊपर उठना चाहिए. मैं बैठक के दौरान जो हुआ उसे लेकर चिंतित हूं, ना सिर्फ उनके बीच शीशे की दीवार थी (जाधव और उसकी मां और पत्नी के बीच), बल्कि जिस तरीके से उन्होंने उनसे बात की उससे भी."
साल्वे ने कहा, "ऐसा लग रहा था कि जैसे वे प्राप्त निर्देशों के मुताबिक बोल रहे हैं. सामान्यत: जब कोई व्यक्ति भावुक या नाराज होता है तो अपनी मातृभाषा में बात करता है या गाली देता है. यहां वे अंग्रेजी में बोल रहे थे. उन्होंने अंग्रेजी में बातें क्यों की?"
उन्होंने कहा, "मैं उनके मानसिक स्वास्थ्य और मनोस्थिति को लेकर बहुत चिंतित हूं." साल्वे ने कहा कि जाधव की मां की हालत तो मौत से भी बदतर होगी. उन्होंने अपने बेटे से मिलने के लिए इतनी लंबी यात्रा की और उन्हें न तो ठीक से बात करने दिया गया और न ही छूने या महसूस करने दिया गया.
पाकिस्तान को किस बात का डर है?
आखिर पाकिस्तान को आमने-सामने बिठाकर मुलाकात कराने में डर किस बात का था, वह भी तब जब पूरी मुलाकात की वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही थी? पाकिस्तान ने जाधव को भारतीय जासूस होने का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनायी है. जाधव की मां और पत्नी दुबई के रास्ते सोमवार सुबह इस्लामाबाद पहुंचे. नयी दिल्ली-इस्लामाबाद के बीच सीधी उड़ानें बहुत कम ही हैं. दोनों शहरों के बीच जो एक स्टॉप वाली उड़ानें हैं, उसमें भी 10 घंटे का वक्त लगता है.
भारत के एक पूर्व नेवी ऑफिसर के खिलाफ पाकिस्तान ने गहरी साजिश रची. ब्लूचिस्तान में भारत की जासूसी के अपने आरोपों को दुनिया में साबित करने के लिए एक मनगढ़ंत कहानी तैयार की. और कुलभूषण जाधव उसी कहानी के किरदार बनाए गए. कुलभूषण को गिरफ्तार कर पाकिस्तान ने उनपर जासूसी का आरोप लगाया और पाकिस्तान से गिरफ्तार करने का दावा किया जिसे भारत बार बार खारिज कर चुका है.
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव पर लगाया जासूसी का झूठा आरोप
भारत का एक पूर्व नेवी ऑफिसर पिछले डेढ़ साल से पाकिस्तान की जेल में बंद है. पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव पर जासूसी का आरोप मढ़कर उसे सलाखों के पीछे बंद कर दिया. ना कोई वकील.. ना कोई गवाह.. ना कोई दलील.. पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को रॉ का एजेंट बताकर गिरफ्तार किया. आर्मी कोर्ट में जासूसी का मुकदमा चलाया और उन्हें फांसी की सजा तक सुना दी गई. भारत ने पाकिस्तान की ओर से कुलभूषण पर लगाए गए आरोपों को कई बार खारिज किया. लेकिन पाकिस्तान अपनी जिद पर अड़ा रहा है बल्कि अपने आरोपों को सच साबित करने के लिए उसने कुलभूषण के कुछ वीडियो भी जारी किए. जिसमें कुलभूषण के पाकिस्तान पहुंचने की बात कबूल करते दिखाया गया है.
जाधव पर पाकिस्तान के आर्मी कानून के तहत मुकदमा चलाया गया. सुनवाई के बाद पाकिस्तान की अदालत ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई है.
हालांकि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भारत की दलीलों के बाद कुलभूषण की फांसी पर रोक लगा दी गई थी. कुलभूषण पर पाकिस्तान को आरोपों को भारत झूठ का पुलिंदा बताता रहा है. अब भले ही कुलभूषण की पत्नी और मां को मिलाकर पाकिस्तान इंसानियत की दुहाई दे रहा है, लेकिन उसके नापाक मकसद से हर कोई वाकिफ है.