पहाड़ों पर बर्फबारी से पहले कश्मीर में घुसपैठ की कोशिशों में जुटा पाकिस्तान, भारतीय सेना पूरी तरह सतर्क
साल 2021 में अभी तक पाकिस्तान की तरफ से सीज़ फायर की एक भी घटना नहीं घटी है. डीपी पांडे ने कहा कि हम पाकिस्तान सेना की चाल को समझ रहे हैं. इसलिए एलओसी पर सतर्कता बढ़ी दी गई है.
जम्मू: पहाड़ों पर बर्फबारी से पहले पड़ोसी देश पाकिस्तान एक बार फिर कश्मीर में घुसपैठ करने की कोशिशों में जुट गया है. पिछले 24 घंटो से उत्तरी कश्मीर के उरी सेक्टर में एक ऐसी ही कोशिश को नाकाम किया गया है. जिसके बाद अब यहां तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि पिछले 48 घंटो में उत्तरी कश्मीर के विभिन्न सेक्टर्स में तीन घुसपैठ की कोशिशें हुई हैं.
पिछले 9 महीनों में 110 से ज्यादा आतंकी मारे गए
श्रीनगर स्थित सेना के चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी पी पांडे ने बताया कि पिछले कुछ समय में सरहद पार से घुसपैठ की कई कोशिशें की गईं, लेकिन इनमें वह दो में ही सफल हो सके. इनमें से एक घुसपैठ जून में बांदीपुरा में हई थी. जिसके बाद सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मारा गिराया था. जबकि दूसरी घुसपैठ उरी सेक्टर में हुई. कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों के सफल अभियान के बाद पिछले 9 महीनों में 110 से ज्यादा आतंकी मारे जा चुके हैं और खास तौर पर उत्तरी कश्मीर में आतंक का लगभग सफाया कर दिया गया है. 18 सितंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने हंदवारा में एक सुरक्षा बैठक के बाद यह खुलासा किया था.
दिलबाग सिंह ने कहा, "उत्तरी कश्मीर में इस समय एक भी स्थानीय आतंकी नहीं है और बांदिपोर के कुछ इलाकों को छोड़कर बाकी सभी जगहों से आतंकवाद ख़त्म कर दिया गया है. बारामुल्ला, सोपोर, कुपवाड़ा और गंदेरबल में कोई भी आतंकी नहीं है.’’
कश्मीर घाटी में 60-70 विदेशी आतंकी सक्रिय
सुरक्षा बलों के मुताबिक, अभी भी कश्मीर घाटी में 60-70 विदेशी आतंकी सक्रिय हैं. इनके आकड़ों को बढाने के लिए पाकिस्तान की ओर से सरहद पार से बर्फ पड़ने से पहले बड़ी संख्या में विदेशी आतंकियों को घाटी भेजने की कोशिश हो रही है. लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे के अनुसार घाटी में 60-70 विदेशी आतंकी मौजूद हैं और सब पाकिस्तानी हैं, लेकिन सुरक्षा बलों के दबाव के चलते वह खामोश बैठे हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने बताया, ‘’विदेशी आतंकी स्थायनी युवाओं को बहलाकर उनसे हथियार उठवा रहे हैं और हमले करा रहे हैं. इस दौरान युवक मारे जाते हैं और उनके परिवार सेना को दुश्मन मान लेते हैं. इन जज़्बातों का फायदा उठाकर पाकिस्तान नए लड़कों को बहलाकर कर आतंकी बना देते हैं. लेकिन सेना इसको रोकने में कामयाब हो रही है और बड़ी संख्या में लोकल लड़कों को वापस लाया गया है."
एलओसी पर सतर्कता बढ़ी दी गई है
बता दें कि साल 2021 में अभी तक पाकिस्तान की तरफ से सीज़ फायर की एक भी घटना नहीं घटी है. डीपी पांडे ने कहा कि हम पाकिस्तान सेना की चाल को समझ रहे हैं. इसलिए एलओसी पर सतर्कता बढ़ी दी गई है. सेना बर्फबारी से पहले आतंकियों के कश्मीर घाटी में दाखिल होने की किसी भी कोशिश को हर हाल में विफल करने में जुट गई है.