Pakistan Conspiracy: इस्लामाबाद की नई साजिश का खुलासा, भारत में घुसपैठ के लिए चीन की मदद से हैंड ग्लाइडिंग की ट्रेनिंग दे रहा पाकिस्तान
Terrorist Training: पिछले 1 साल के दौरान 67 बार ड्रोन देखे गए. ड्रोन खतरे से निपटने के लिए अब तक कहीं भी कोई फुलप्रूफ सिस्टम नहीं है.
Pakistan New Conspiracy: चीन की मदद से भारत में तबाही मचाने की पाकिस्तान रच रहा है नई साजिश. इस साजिश के तहत पाकिस्तान आतंकवादियों को भारत में विस्फोटक पहुंचाने और घुसपैठ करने के लिए ड्रोन के बाद अब दे रहा है हैंड ग्लाइडिंग की ट्रेनिंग. इससे भारत के महत्वपूर्ण संस्थानों पर एक किलोमीटर की दूरी से अटैक का खतरा बढ़ गया है. अफगानिस्तान से आए 8,000 आतंकी पाकिस्तान पहुंच गए है और खुद बीएसएफ का भी मानना है कि पाकिस्तान अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान में छोड़े गए खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल भारत में कर सकता है.
आप को याद होगा जम्मू एयरबेस पर आतंकियो द्वारा किया ड्रोन अटैक जिसमें विस्फोटक भर एयरबेस पर हमला किया गया था और इस मामले में आज तक वो शख्स गिरफ्तार नही किया जा सका है, जिसने ड्रोन जम्मू एयरबेस पर भेजा था. सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच के दौरान केवल इतना पता चला था कि चीन द्वारा पाकिस्तान को जो ड्रोन खेप दी गई थी, संभवत यह उसी का हिस्सा था. अब उसी चीन की मदद से पाकिस्तान भारत में रच रहा है हैड ग्लाइडिंग के जरिए तबाही की साजिश.
खुफिया विभाग के दस्तावेजों के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और सेना ने बाकायदा आतंकवादियों को हैंड ग्लाइडिग की ट्रेनिग भी शुरू करा दी है और इसमें विस्फोटक पंहुचाने वाले छोटे ग्लाइडर से लेकर एक आदमी को ले जाने वाले ग्लाइडर शामिल है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अफगानिस्तान से 8000 आतंकवादी पाकिस्तान पहुंच चुके हैं, ऐसे में खतरा और बढ़ गया है.
बीएसएफ महानिदेशक पंकज कुमार सिंह का भी इस बाबत कहना है कि अमेरिका जो असलहा अफगानिस्तान में छोड़ कर गया है, उन्हें पाकिस्तान भारत के जेहाद में भेजने की कोशिश करेगा. पाकिस्तान इस बारे में अफगानिस्तान और आतंकवादियों को हर संभव लालच देकर इनका प्रयोग भारत में कराने की कोशिश कर सकता है. खुफिया विभाग के दस्तावेज में साफतौर पर कहा गया है कि पाकिस्तान फौज और खुफिया एजेंसी आतंकवादियों को जो हैंड ग्लाइडिंग ट्रेनिंग दे रही है, उन हैंड ग्लाइडरों के जरिए 600 मीटर से 1200 मीटर तक कोई भी सामान भेजा जा सकता है, चाहे वह विस्फोटक हो या ड्रग्स.
इन ग्लाइडरों पर 16 किलो तक का सामान लादा जा सकता है. 50 मीटर से 100 मीटर की ऊचाई से उड़ाया जा सकता है. दूरी के हिसाब से महत्वपूर्ण संस्थानों पर 1 किलोमीटर की दूरी से अटैक का खतरा यानि चलता फिरता तबाही का जखीरा. सुरक्षा से जुडे आला अधिकारियों का मानना है कि ऐसी उड़ने वाली चीजें ज्यादा खतरनाक होती है और पिछले एक साल के दौरान खुद बीएसएफ ने 67 बार ड्रोन देखे थे. बीएसएफ डीजी पंकज कुमार सिंह के मुताबिक पिछले एक साल के दौरान भारत-पाक सीमा पर पिछले एक साल के दौरान 67 बार ड्रोन देखे गए, जिनमें से बीएसएफ ने दो ड्रोन मार गिराए. यह भी पाया गया कि जो ड्रोन देखे गए उनमें से पांच में पांचों बार ड्रग्स था. बीएसएफ महानिदेशक का मानना है कि इन दोनों के जरिए पिस्टल एके 47 भेजी जा सकती है.
खुफिया सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनों अनेको बार भारत-पाक सीमा पर पाकिस्तानी रेंजर्स के साथ चीनी सेना के लोग दिखाई दिए है. खुफिया आकलन के मुताबिक, इस बात से इंकार नही किया जा सकता कि ये लोग भौगोलिक स्थिति के आधार पर जहां दिखाई दिए थे वहां से इन हैंड ग्लाइडरो को लेकर कोई साजिश का ताना-बाना तैयार किया जा रहा हो. फिलहाल भारत ने भी इस साजिश को लेकर अपनी कमर कस ली है. जानकारी के मुताबिक, भारत सरकार ने ऐसी 8 कंपनियों से संपर्क साधा है जिनसे एंटी ड्रोन सिस्टम तैयार किया जा सके. साथ ही सीमा पर अनेक अहम जगहो पर एंटी ड्रोन सिस्टम लगाए भी जा रहे हैं, जिससे पाक की नापाक साजिश का मुहंतोड जवाब दिया जा सके.
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