Friday Violence in India: जुमे के दिन देशभर में हिंसा भड़काने (Friday Violence) की साजिश के तार पाकिस्तान (Pakistan) से जुड़ रहे हैं. डिजिटल फोरेंसिक रिसर्च एंड एनालिटिक्स सेंटर यानी DFRAC की नई रिपोर्ट (Report) में इस बात का दावा किया गया है कि पैगंबर मोहम्मद (Prophet Mohammad) पर दिए गए नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) के विवादित बयान के बाद पाकिस्तान ने ट्विटर (Twitter) के जरिए देश में हिंसा फैलाने (Violence In India) की साजिश रची है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के करीब 7 हजार से ज्यादा ट्विटर अकाउंट (Twitter Account) फेक न्यूज (Fake News) फैला कर देश में दंगा कराने की साजिश रह रहे थे.
दरअसल सोशल मीडिया पर इस विवाद और हिंसा से जुड़े हैशटैग चल रहे थे. पता करने पर ये बात सामने आई है कि ये ज्यादातर हैशटैग पाकिस्तानी यूजर्स के थे. इससे जाहिर होता है कि पाकिस्तान मामले को लेकर भारतीय मुसलमानों को भड़काने का काम कर रहा था. DFRAC ने अपनी रिपोर्ट में 60 हजार से ज्यादा टि्वटर यूजर्स के नेचर ऑफ पोस्ट और कमेंट बिहेवियर की एनालिसिस की है.
एनालिसिस में सामने आया पाकिस्तानी प्रोपोगेंडा
इस एनालिसिस में पाया गया है कि ट्विटर पर 60 हजार में से ज्यादातर यूजर्स के नॉन वेरिफाइड अकाउंट्स थे. इन अकाउंट्स के जरिए ज्यादातर हैशटैग में कमेंट किए थे. इनमें से करीब 7,100 लोग पाकिस्तान के थे. साफ है कि पैगंबर विवाद से जुड़े हैशटैग को पाकिस्तान के टि्वटर अकाउंट्स से भी आगे बढ़ाया जा रहा है. वहीं 3,000 अकाउंट्स सऊदी अरब से थे. 2,500 अकाउंट्स भारत से, 1,400 मिस्र से और 1,000 से अधिक अमेरिका और कुवैत से थे.
पाकिस्तानी मीडिया ने भी चलाई गलत खबरें
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पाकिस्तान (Pakistan) के न्यूजे चैनलों (News Channels) ने भारत (India) से जुड़ी गलत खबरें (Fake News) चलाई हैं. ARY न्यूज ने चलाया कि ओमान (Oman) के ग्रैंड मुफ्ती (Grand Mufti) ने भारतीय प्रोडक्ट (Indian Products) के बहिष्कार की घोषणा कर दी है. जबकि रिपोर्ट में पाया गया कि मुफ्ती ने सिर्फ पैगंबर मोहम्मद (Prophet Mohammad) पर टिप्पणी की आलोचना की थी और सभी मुसलमानों (Muslims) को इसके खिलाफ एकजुट होने को कहा था. लेकिन उनका ‘बॉयकॉट इंडिया’ (Boycott India) ट्रेंड शुरू करने का ये दावा भ्रामक है. इसके अलावा पाकिस्तान के पूर्व राजदूत अब्दुल बासित (Abdul Basit) ने बीजेपी (BJP) से निकाले गए नेता नवीन जिंदल (Naveen Jindal) को लेकर भी गलत दावा किया. उन्होंने नवीन जिंदल को बिजनेसमैन जिंदल (Businessman Jindal ) का भाई बताया.
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