नई दिल्ली: बार-बार कश्मीर मुद्दे पर मुंह की खाने के बावजूद इमरान खान भारत के आंतरिक मसलों पर टिप्पणी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. उन्होंने अब असम एनआरसी की फाइनल रिपोर्ट को धर्म से जोड़ दिया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आज ट्वीट कर कहा, ''भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में मोदी सरकार द्वारा मुसलमानों के सफाए की रिपोर्टों से दुनियाभर में खतरे की घंटी बजनी चाहिए. कश्मीर पर अवैध कब्जा मुसलमानों के खिलाफ इसी रणनीति का हिस्सा है.''
राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची आज जारी की गई. इस सूची में 19 लाख से अधिक लोगों का नाम नहीं है. इससे सूची से बाहर रखे गए आवेदकों का भविष्य अधर में लटक गया है क्योंकि यह सूची असम में वैध भारतीय नागरिकों की पुष्टि से संबंधित है.
एनआरसी के राज्य समन्वयक कार्यालय ने एक बयान में कहा कि 3,30,27,661 लोगों ने एनआरसी में शामिल होने के लिए आवेदन दिया था. इनमे से 3,11,21,004 लोगों को दस्तावेजों के आधार पर एनआरसी में शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है. शामिल किए गए और बाहर किए गए नामों को लोग एनआरसी की वेबसाइट www.nrcassam.nic.in पर देख सकते हैं.
घबराएं नहीं: असम NRC लिस्ट में नाम नहीं होने पर ये हैं विकल्प, मिलेगा 120 दिन का वक्त
जिन लोगों का नाम राष्ट्रीय नागरिक पंजी से बाहर रखा गया है, वे इसके खिलाफ 120 दिन के भीतर विदेशी न्यायाधिकरण में अपील दर्ज करा सकते हैं. असम सरकार पहले ही कह चुकी है जिन लोगों को एनआरसी सूची में शामिल नहीं किया गया उन्हें किसी भी स्थिति में हिरासत में नहीं लिया जाएगा, जब तक विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) उन्हें विदेशी ना घोषित कर दे.
सुप्रीम कोर्ट जाएगी आसू
शामिल किए गए लोगों की पूरक सूची एनआरसी सेवा केंद्रों (एनएसके), उपायुक्त के कार्यालयों और क्षेत्राधिकारियों के कार्यालयों में उपलब्ध है, जिसे लोग कामकाज के घंटों के दौरान देख सकते हैं. सूची जारी किये जाने की सूचना मिलने के बाद सैकड़ों की संख्या में लोग कार्यालयों के बाहर जमा होना शुरू हो गए. जिन लोगों का नाम सूची में था, वे प्रसन्न थे और जिनका नाम नहीं था, वे दुखी थे .
सत्तारूढ़ बीजेपी, विपक्षी कांग्रेस और आल असम स्टूडेंट यूनियन ने कहा है कि वे अंतिम नागरिकता सूची से असंतुष्ट हैं. ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) शनिवार को जारी अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से बाहर रखे गए नामों के आंकड़े से खुश नहीं है और इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा.