नई दिल्ली: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में जबर्दस्त उठापटक हुई है. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की छुट्टी हो गई है. भ्रष्टाचार और काले धन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ को दोषी पाया और पद पर रहने के लिए अयोग्य करार दिया. नवाज शरीफ के भ्रष्टाचार की कहानी ठीक वैसी है जैसी बिहार में लालू परिवार की है. दोनों जगह बेटा है, बेटी है, दामाद है और भ्रष्टाचार है.


पांचों जजों ने सर्वसम्मति से नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य करार दिया है. अब नवाज शरीफ जीवन में कभी पीएम नहीं बन पाएंगे. पाकिस्तान में राजनीतिक कोहराम मच गया है.


नवाज और लालू का भ्रष्टाचार एक कैसे ?
जैसे आरोप लालू यादव पर लगे हैं वैसे ही मिलते जुलते आरोप नवाज शरीफ पर लगे हैं. लालू पर भी बेनामी संपत्ति जुटाने का आरोप है. नवाज शरीफ पर भी पीएम रहते हुए बेनामी संपत्ति अर्जित करने का आरोप है.


जैसे भ्रष्टाचार साबित होने पर नवाज के हाथ से सत्ता फिसल गई वैसे ही भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर लालू के दो बेटों सत्ता से बेदखल हो गए. भ्रष्टाचार के आरोप नवाज शरीफ पर भी हैं और उनकी बेटा, बेटी, दामाद पर भी हैं.


लालू पत्नी, दामाद, बेटी, दामाद के साथ भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे हैं. जैसे लालू के राजनीतिक वारिस तेजस्वी यादव हैं. वैसे ही नवाज शरीफ की राजनीतिक वारिस हैं मरियम शरीफ. जैसे लालू कहते हैं ना-तेजस्वी की दाढ़ी मूंछ भी नहीं थी. वैसे ही जिस समय भ्रष्टाचार हुआ उस समय मरियम की उम्र भी 16 साल के आसपास ही थी.


लालू और शरीफ पर लगे आरोपों में बुनियादी फर्क ये है कि लालू ने बेनामी संपत्ति बिहार के गांव-देहात में जुटाई लेकिन नवाज शरीफ ने प्रॉपर्टी के लिए जगह चुनी लंदन में.


नवाज शरीफ के पूरे मामले को ऐसे समझें?
जेआईटी ने 10 जुलाई को सौंपी रिपोर्ट में जांच के पास नवाज शरीफ, बेटी मरियम नवाज, दामाद मोहम्मद सफदर, दोनों बेटों-हसन नवाज और हुसैन नवाज के खिलाफ राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) अध्यादेश, 1999 के तहत भ्रष्टाचार का केस दर्ज करने की सिफारिश की थी.


43 साल की मरियम शरीफ का अपराध तो और बड़ा इसलिए हो गया क्योंकि उन्होंने जेआईटी को गुमराह करने में कोई कसर नहीं छोड़ा. मांगने पर संपत्ति के बारे में जाली दस्तावेज सौंपे. पाकिस्तान में भी जाली दस्तावेज सौंपना कोई छोटा अपराध नहीं है.


ये मामला 1990 के आसपास का है. तब नवाज शरीफ दूसरी बार पाकिस्तान के पीएम बने थे. शरीफ के बाल बच्चों ने टैक्स ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में चार कंपनियां शुरू कीं. कंपनियों के जरिए लंदन में 6 प्रॉपर्टीज खरीदी. फिर प्रॉपर्टीज को गिरवी रखकर बैंकों से करोड़ों का लोन उठाकर ऐश मौज करने लगे.


क्या है पनामा पेपर्स ?
शरीफ परिवार का पाप बाहर ना निकलता अगर पनामा लीक्स न हुआ होता. पनामा की कंपनी मॉसैक फ़ॉनसेका की गोपनीय जानकारी लीक हुई जो खोजी पत्रकारों की अंतर्राष्ट्रीय संस्था इंटरनैशनल कॉनसॉर्शियम ऑफ़ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स के हाथ लगी. लीक हुई जानकारी को ही नाम दिया गया पनाम पेपर्स लीक.


1 करोड़ 10 लाख से ज़्यादा दस्तावेज लीक हुए थे. आरोप लगा कि 200 देशों के करीब 140 नेताओं औऱ सेलिब्रिटीज ने पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और बहामास जैसे देशों में पैसे लगाया जहां टैक्स भी नहीं लगता और पैसे लगाने वालों के नाम भी सार्वजनिक नहीं किए जाते. बड़े लोगों ने 2 लाख 14 हज़ार से ज़्यादा शेल कंपनियां खोलकर अपने अपने देश के साथ टैक्स की गद्दारी की.


नवाज शरीफ के परिवार भी इसी लीक्स से बदनाम हुआ था. जिस पनामा गेट के चक्कर में नवाज शरीफ नप गए हैं उसके चक्कर में भारत के कई बड़े नाम विवाद में फंसे थे लेकिन भारत में पनामा गेट करीब करीब दफन हो चुका है.