Pakistan News: पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मुक्त होना चाहते हैं. इसी कड़ी में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का आईएमएफ के साथ बेलआउट पैकेज के लिए समझौता आखिरी बार होगा. 


पाकिस्तान की आवाम को संबोधित करते हुए शाहबाज शरीफ ने कहा, 'पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच ये समझौता हमारी आखिरी समझौता होगा.' उन्होंने आगे कहा,'जब भी हम विदेश जाते हैं तो उस देश से कर्ज की नहीं बल्कि इन्वेस्टमेंट की गुजारिश करते हैं.'


'IMF के साथ होगा ये आखिरी समझौता'


पकिस्तान सरकार और आईएमएफ के बीच इस समय 6 से 8 बिलियन डॉलर के लोन को लेकर बात चल रही है. ऐसे में पकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने कहा,'दुनिया में कई देश ऐसे भी हैं, जिन्होंने एक बार आईएमएफ से मदद ली और उसके बाद उन्हें कभी मदद की जरूरत नहीं पड़ी. हम भी 24 से 25 बार आईएमएफ से संपर्क कर चुके हैं. मैं आप को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि अगर हम अपने प्रोग्राम और लक्ष्यों पर कयाम रहें तो ये आईएमएफ के साथ अगला समझौता हमारा आखिरी समझौता हो सकता है.'


निकल सकते हैं पड़ोसी देशों से आगे


उन्होंने आगे कहा, 'पाकिस्तान स्थिरता और आत्मनिर्भरता के मामले में अपने पड़ोसी देशों से आगे निकल सकता है.' उन्होंने  राजकोष पर बोझ बनने वाले सभी संस्थानों, मंत्रालयों और विभागों को खत्म करने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, देश में ऐसे सभी मंत्रालयों और विभागों को समाप्त करना जरूरी है, जो जनता पर बोझ चुके हैं.


उन्होंने लोक निर्माण विभाग पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विभाग अपने भ्रष्टाचार के लिए कुख्यात है. इस विभाग के अधिकारियों के वेतन पर ही करीब सालाना 2 अरब रुपये खर्च होते हैं. उन्हें विकास कार्यों के लिए अलगा अलग विभागों से करीब 100 अरब रुपये मिलते हैं. 


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डिजिटलाइजेशन की तरफ चला पाकिस्तान 


उन्होंने कहा, 'अगर किसी विभाग के पास विकास के लिए सौ अरब रुपये हैं तो उसमे से  50% या उससे भी अधिक भ्रष्टाचार में चला जाता है. इसी वजह से दुनिया की शीर्ष कंपनियों में से एक को संघीय राजस्व बोर्ड (एफबीआर) के पूर्ण डिजिटलीकरण का काम दिया गया है. इस दौरान अक्षम कर्मियों को दरकिनार कर दिया जाएगा.'