इस्लामाबादः राफेल लड़ाकू विमानों के शामिल होने से जहां एक तरफ भारतीय वायु सेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा हुआ है, तो वहीं भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन में घबराहट मची हुई है. पाकिस्तान ने तो अपनी इस घबराहट और बौखलाहट को जाहिर भी कर दिया और आरोप लगाया है कि भारत अपनी रक्षा जरूरतों से ज्यादा हथियार जमा कर रहा है. फ्रांस से आए 5 राफेल विमाल 29 जुलाई को पहली बार भारत पहुंचे.


भारत की सैन्य खरीद परेशानी का सबब- पाकिस्तान
भारतीय सीमा पर लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन करने वाले और आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने वाले पाकिस्तान में राफेल विमानों के कारण दहशत फैली हुई है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत की ये सैन्य खरीद परेशानी का सबब है.


अपनी साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तानी विदेश विभाग के प्रवक्ता आएशा फारुखी ने कहा, “भारतीय वायुसेना हाल ही में जो राफेल विमान खरीद की है, हमने उसकी खबरें देखी हैं. भारत ने फ्रांस से राफेल विमान खरीदें हैं जिनमें सुधार करके परमाणु हथियारों से लैस किया जा सकता है. सुरक्षा जरूरतों से ज्यादा सैन्य खरीदारी परेशानी का सबब है.”


हथियारों की होड़ ठीक नहीं- पाकिस्तान
इसके साथ ही पाकिस्तान ने कहा, “हथियारों की होड़ लगाना ठीक नहीं है. दक्षिण एशिया में हथियारों के दौड़ के खिलाफ हम इस घटनाक्रम से बेखबर नहीं हैं.”


भारत ने फ्रांस की सरकार के साथ समझौते के तहत 4.5 पीढ़ी के मल्टीरोल कॉम्बेट एयक्राफ्ट (MRCA) की डील पर हस्ताक्षर किए थे. इसके तहत फ्रांस की प्रमुख कंपनी दसॉ (Dassault) से भारत को तैयार स्थिति में 36 राफेल लड़ाकू विमान मिलने थे. इनमें से 5 विमान भारत आ चुके हैं, जबकि अगले साल के अंत तक बाकी विमानों की आपूर्ति की संभावना है.


27 जुलाई को फ्रांस से इन 5 विमानों (3 सिंगल सीट फाइटर, 2 ट्विन सीट ट्रेनर) ने भारत के लिए उड़ान भरी थी और यूएई में एक रात रुकने के बाद 29 जुलाई को एयर फोर्स के अंबाला स्टेशन पहुंचे जहां इन्हें वायु सेना में शामिल किया गया.


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