पीएम मोदी के शिष्टाचार की चिट्ठी को पाक ने बताया बातचीत की पेशकश, कहा- 'कश्मीर एक सच है'
पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया कि उनके देश को पीएम नरेंद्र मोदी ने चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने दोबारा वार्ता शुरू करने का इशारा किया है. भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि पाकिस्तान को चिट्ठी तो लिखी गई है. लेकिन किसी नई तरह की बातचीत को लेकर पड़ोसी मुल्क जो बात कर रहा है वो चिट्ठी को लेकर उनकी अपनी व्याख्या हो सकती है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया कि उनके देश को पीएम नरेंद्र मोदी ने चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने दोनों देशों के बीच बंद पड़ी बातचीत शुरू करने की ओर इशारा किया है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री के इस बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि पाकिस्तान को चिट्ठी तो लिखी गई है. लेकिन किसी नई तरह की बातचीत को लेकर पड़ोसी मुल्क जो बात कर रहा है वो चिट्ठी को लेकर उनकी अपनी व्याख्या हो सकती है.
आतंकी हमलों के साथ बातचीत संभव नहीं एक तरफ जहां पाकिस्तान कह रहा है कि भारत ने दोबारा बातचीत शुरू करने की बात कही है, वहीं दूसरी तरफ भारत सरकार ने अपना स्टैंड साफ कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान की तरफ से आतंकी हमले नहीं रुकते तब तक सकारात्मक बातचीत संभव नहीं है.
"India and Pakistan have to move forward keeping realities before them,"Pakistan Foreign Minister SM Qureshi asserted, adding that Indian PM Narendra Modi has written a letter to PM Imran Khan in which he indicated beginning of talks between the two countries:Geo News pic.twitter.com/ngUEuNriKs
— ANI (@ANI) August 20, 2018
कुरैशी ने अलापा कश्मीर राग विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा कि दोनों देशों के बीच मामला पेचीदा है और हम न सिर्फ पड़ोसी हैं बल्कि एटमी ताकतें भी हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारत ने वार्ता फिर शुरू करने की बात की है. अपने बयानों में पाक विदेश मंत्री ने फिर से कश्मीर राग अलापा और कहा कि दोनों देशों के बीच के मसलों में कश्मीर एक सच है. उन्होंने भारत के इस अभिन्न अंग पर बात करते हुए कहा कि समस्या का हल निकालना होगा.
उन्होंने भारत-पाक रिश्तों पर कहा कि हम रूठ के एक दूसरे से मुंह नहीं मोड़ सकते और हम चाहें न चाहें लेकिन कश्मीर एक हकीकत है जिसे दोनों देशों ने माना है. इस विवाद पर अपना पक्ष मज़बूत करने के लिए उन्होंने दिवंगत पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए कहा कि वो यहां लाहौर और इस्लामाबाद आए थे और उन्होंने पाकिस्तान के साथ बाहरी मुद्दों को माना था. वहीं, उन्होंने ये भी कहा कि लगातार बिना व्यवधान के होने वाली बातचीत और चर्चा की जरूरत है.
इमरान ने भी अलापा था कश्मीर राग पीएम बनने के बाद के अपने पहले संबोधन में भारत और अफगानिस्तान से पाकिस्तान के बेहद खराब रिश्तों पर इमरान खान ने कहा कि वो पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं. शपथ लेने के बाद पहली बार देश को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा, ''विदेश नीति पर कहना चाहते हैं कि हम सभी पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं. जरूरत शांति की है, इसके बिना हम पाकिस्तान की स्थिति नहीं सुधार सकते.''
चुनाव जीतने के बाद भी उन्होंने यही बात दोहराई थी और कहा था कि अगर भारत एक कदम बढ़ाता है तो हम दो कदम बढ़ाएंगे. जीत के बाद के इस भाषण में चुनावों के दौरान भारतीय मीडिया की कवरेज की आलोचना करते हुए इमरान ने हालांकि ये भी कहा था कि दोनों देशों के बीच कश्मीर एक मुद्दा है. अब उनके विदेश मंत्री भी यही बात कर रहे हैं, ऐसे में एक बात तो साफ है कि भारत से पाकिस्तान बातचीत तो करना चाहता है लेकिन कश्मीर की कीमत पर नहीं.
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