नई दिल्लीः कश्मीर के मुद्दों पर राजनयिक और मिलिट्री समेत कई मोर्चों पर विफल रहने के बाद अब पाकिस्तान ने (पाक अधिकृत कश्मीर) में आतंकी समूहों के लिए ट्रेनिंग कैंप्स लगाए हैं, खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक ये जानकारी मिली है. जमात-ए-इस्लामी इन कैंपों का नेतृत्व कर रहा है और सभी प्रमुख आतंकी समूहों जैसे जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्कर-ए-तैयबा इस जॉइंट वेंचर के सहयोगी हैं और ये कैंप अगस्त 2019 से शुरू हुए हैं.
जमात-ए-इस्लामी के पूर्व अमीर (प्रेसिडेंट) इजाज अफजल और इसी ग्रुप के अदनान रज्जाक तस्वीरों में जैश और हिजबुल के आतंकियों के साथ देखे जा सकते हैं. रावलकोट में तरनूती और पोथी बाला के पहाड़ी के जंगलों से इनकी तस्वीरें सामने आई हैं. ये खबर भी आई है कि आतंकी किसी एक कैंप या किसी खास लोकेशन पर ज्यादा वक्त के लिए नहीं रह रहे हैं और लगातार अपनी पोजीशन बदल रहे हैं.
स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हिजबुल कमांडर शमशेर खान जम्मू और कश्मीर में घुसपैठ की नई कोशिशों के लिए आतंकियों का नेतृत्व करेगा और सितंबर के आखिरी हफ्ते या अक्टूबर की शुरुआत में नए भर्ती किए गए आतंकियों को जम्मू और कश्मीर में दाखिल कराने की कोशिश करेगा. इसके अलावा आईएसआई ने वजीरिस्तान से दस हजार आतंकियों की भर्ती करने का लक्ष्य रखा हुआ है. वजीरिस्तान में आतंकियों की सूची तैयार की जा रही है.
सूत्र इस ओर इशारा कर रहे हैं कि जम्मू और कश्मीर के खास धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने के लिए इन आतंकी समूहों को कहा गया है और साथ ही राज्य में सुरक्षा बलों पर भी हमला करने के लिए आदेश दिए गए हैं.
हालांकि पाकिस्तान को एफएटीएफ (फाइनेंश्यल एक्शन टास्क फोर्स) के आदेश के चलते आतंक की फाइनेंसिंग को बंद करने के लिए आदेश मिला हुआ है और अगर वो ऐसा नहीं करता है तो उसके ब्लैकलिस्ट होने का खतरा मंडरा रहा है, फिर भी पाकिस्तान की तरफ से जम्मू-कश्मीर में छद्म लड़ाई के लिए आतंकियों की भर्ती जारी है जो दिखाता है कि पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज आने वाला नहीं है.