नई दिल्ली: आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर दुनिया की आंखों में धूल झोंकने वाले पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक बार फिर पोल खुल गई है. सूत्रों के मुताबिक, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है. बता दें कि पाकिस्तान इस लिस्ट बाहर निकलने की भरसक कोशिश करता रहा है. लेकिन उसे मायूसी ही हाथ लगी है.


भारत लगातार यह दबाव बनाता रहा है कि आतंकवाद को सरजमीं पर पनाह देने वाले पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाला जाए. लेकिन तुर्की और मलेशिया की मदद की वजह से पाकिस्तान बच गया. आतंकवाद की आर्थिक नाकेबंदी मुकम्मल करने वाले इस संगठन ने पाकिस्तान को 2018 में एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाला गया था. इसने न केवल पाकिस्तान पर आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बनाया बल्कि दुनियाभर में उसकी आर्थिक साख को भी करार झटका दिया.






कार्रवाई की आंच का ही असर है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस बात की शिकायत कर चुके हैं कि भारत ने पाक को परेशान करने के लिए यह कार्रवाई कराई.


आतंकवादियों को आर्थिक मदद रोकने की दिशा में काम करने वाली संस्था एफएटीएफ की बैठक पेरिस में 16 फरवरी से शुरू हुई और यह 21 फरवरी तक चलेगी. इसमें इस बात की समीक्षा की जा रही है कि पाकिस्तान ने आतंक वित्तपोषण और धनशोधन पर लगाम के लिए उसे सौंपी गई 27 सूत्रीय कार्ययोजना पर किस हद तक अमल किया है.


सूत्रों के मुताबिक, बैठक को बताया गया कि 27 सूत्रीय कार्ययोजना में से पाकिस्तान ने 14 पर पूरी तरह से अमल कर लिया है, 11 पर आंशिक रूप से अमल किया है जबकि दो बिंदु ऐसे हैं कि उन्हें लागू कर पाना संभव नहीं है.