इस्लामाबाद: जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव से मां की मुलाकात पर विचार करने की बात कहने वाला पाकिस्तान पलट गया है. पाकिस्तान ने इस मामले में नरमी के सकेंत दिखाने के बाद एक बार फिर से अपनी बात से पलटी मार ली है.


पाकिस्तान ने कल यानी वीरवार को कहा था कि वह भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की मां को वीजा देने के भारत के आग्रह पर विचार कर रहा है. जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने कथित जासूसी के मामले में मौत की सजा सुनाई है.


आपको बता दें सोमवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वरात ने कुलभूषण जाधव की मां को वीजा ना दिए जाने के मामले को उठाया. विदेश मंत्री ने एक के बाद नौ ट्वीट करके पाकिस्तान के विदेश मंत्री सरताज अजीज को इस बारे में ध्यान दिलाया था.


एक ट्वीट में सुषमा स्वराज ने लिखा था, ”अवंतिका जाधव पाकिस्तान जाकर अपने बेटे से मिलना चाहती हैं. जिन्हें पाकिस्तान ने मौत की सजा सुनाई है. अवंतिका का वीजा आवेदन भी लंबित पड़ा हुआ है. मैंने सरताज अजीज को पत्र लिखकर कुलभूषण की मां को वीजा देने की बात कही. उन्होंने मेरे पत्र पर ध्यान देने की जरूरत भी नहीं समझी.”


विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इतनी नाराज हुईं कि उन्होंने इलाज के लिए भारत आने की कोशिश कर रहे पाकिस्तानियों की मदद रोक दी थी.


अंतराष्ट्रीय कोर्ट में है मामला
पाकिस्तान की आर्मी कोर्ट ने कुलभूषण जाधव पर जासूसी का आरोप लगाते हुए फांसी की सजा सुनाई है. भारत ने इस मामले को अंतर्राष्टीय कोर्ट में उठाया था. कोर्ट ने अंतिम फैसला आने तक कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी और भारत को काउंसलर एक्सेस देने की भी बात कही.


कुलभूषण जाधव अपनी कार्गो कंपनी चलाते थे और उसी सिलसिले में ईरान व्यापार के लिए गए थे जहां से अगवा कर लिया गया. बलूचिस्तान से गिरफ्तारी दिखाए जाने के बाद से भारत कुलभूषण से मिलने की इजाजत मांग रहा है लेकिन इजाजत देने की बजाए एकतरफा सजा सुना दी गई.