जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी लगातार वारदातों को अंजाम दे रहे हैं लेकिन पुलिस और सुरक्षाबल के जवान उनके मंसूबे को नाकाम करने में जुटे हैं. इस बीच पीएम मोदी जम्मू का दौरा करने जा रहे हैं. प्रधानमंत्री 24 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर दौरे पर जाएंगे. इस दौरान कई विदेशी कंपनियों के प्रतिनिधि पीएम के साथ होंगे. बताया जा रहा है घाटी में कई हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव पर चर्चा होने की उम्मीद है. विकास के नए रास्ते यहां खुल सकते हैं. शहबाज की ताजपोशी के बाद से आतंकी घटनाओं में काफी तेजी आई है. सवाल है कि शहबाज के गद्दी पर बैठते ही आतंकी वारदातों में तेजी आखिर क्यों आई है? इसकी वजह समझने के लिए पाकिस्तान का सियासी समीकरण समझने की कोशिश करते हैं.


शहबाज ने छेड़ा आतंकी राग


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ PML(N) के नेता है, उनकी कुर्सी बिलावल भुट्टो की PPP के सहारे टिकी है. पाकिस्तान में शरीफ और भुट्टो परिवार राजनीतिक विरोधी रहे हैं. बताया जा रहा है कि इमरान को हटाने के लिए सेना दोनों को साथ लाई. अब PPP और PML-N का गठबंधन सेना ने बांध रखा है. ये सरकार बाजवा की कठपुतली बनी हुई है. बाजवा का कार्यकाल अगले 6 महीने में खत्म होने जा रहा है और उनके ही कार्यकाल में भारत ने जम्मू कश्मीर से 370 हटाया है. ऐसे में अब बाजवा कुर्सी छोड़ने से पहले शायद कश्मीर में आतंक फिर जिंदा करना चाहते हैं. 


क्या शहबाज की सरकार बाजवा की कठपुतली?


पाकिस्तान आर्मी चीफ बाजवा देश में अपनी वर्दी पर लगे दाग हटाने के लिए घाटी को सुलगा रहे हैं और शहबाज शरीफ एक कठपुतली की तरह उनके साथ खड़े हैं. घाटी में आतंक का शहबाज कनेक्शन और हमले में आई तेजी की वजह क्या है? क्या ये माना जाए कि PPP-PML(N) का गठबंधन सेना ही बनाए रख सकती है, इसलिए शहबाज को बाजवा ने अपनी कठपुतली बना लिया है. पाकिस्तान की इस राजनीति के साथ साथ घाटी में आतंक की ताबड़तोड़ घटनाओं के पीछे एक और वजह है कश्मीर पहुंच रही विकास की नई किश्त.


कश्मीर का विकास पाकिस्तान की बौखलाहट की वजह?


प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले आतंकियों की बौखलाहट की बड़ी वजह कश्मीर पहुंच रही विकास की नई खेप है. क्योंकि पीएम का ये दौरा कश्मीर में तरक्की का नया रास्ता खोलने जा रहा है और पाकिस्तान इससे परेशान है. प्रधानमंत्री 24 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर दौरे पर जाएंगे. उनके साथ बड़ी-बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधि होंगे. इस दौरे में घाटी में 38 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव पर चर्चा होगी. पाकिस्तान इससे भी बौखला कर आतंकी वारदात को बढावा दे रहा है.


क्या कश्मीर में UAE की निवेश योजना से परेशान है पाक?


पाकिस्तान की बौखलाहट एक और बड़ी वजह है कि कश्मीर में UAE का प्रतिनिधिमंडल भी पहुंच रहा है जो पीएम मोदी से मुलाकात करेगा. UAE की कई कंपनियों का कश्मीर में निवेश करने की योजना है. मार्च में खाड़ी देशों के 30 CEO श्रीनगर दौरे पर आए थे. UAE का कश्मीर में निवेश पाकिस्तान के कश्मीर स्टैंड को एक तरह से खारिज करता है. बता दें कि पाकिस्तान ने पिछले ही महीने इस्लामाबाद में OIC कॉन्फ्रेंस की थी.  संयुक्त अरब अमीरात OIC का अहम सदस्य है. पाकिस्तान कश्मीर के खिलाफ OIC देशों को एकजुट करने की कोशिश करता रहा है.


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