Terrorist In Pakistan: काबुल में तालिबानी जीत पर तालियां बजा रहे पाकिस्तान में भी सुलगने लगा आतंक, अगस्त में लगभग दो गुना बढ़ा आतंकी हमलों का ग्राफ
Terrorist Attack In Pakistan: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबानियों की जीत के बाद तालियां बजा रहे पाकिस्तान में आतंक की आंच सुलगने लगी है. अगस्त महीनें में वहां आतंकी हमलों का ग्राफ बढ़ गया है.
Terrorist attack News In Pakistan: अफगानिस्तान में तालिबानी निजाम के आने पर पाकिस्तान के नेता भले ही फूले न समा रहा हों लेकिन इस बात के संकेत साफ हो गए हैं कि पाक का सिरदर्द बढ़ने वाला है. काबुल पर तालिबानी लड़ाकों की जीत के साथ ही अगस्त 2021 में पाकिस्तान में हुए आतंकी हमलों का ग्राफ लगभग दो गुना हो गया है. पाकिस्तान में मई 2016 के बाद एक महीने में सबसे ज्यादा आतंकवादी हमले अगस्त 2021 में दर्ज किए गए.
इस्लामाबाद स्थित एक स्वतंत्र थिंक टैंक पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार आतंकी हमलों का आंकड़ा पिछले 5 सालों के दौरान सबसे ज़्यादा हुआ है. मई 2016 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि एक महीने में 44 से अधिक आतंकवादी हमले दर्ज किए गए.
इतना ही नहीं मार्च 2017 के बाद पहली बार देश में एक महीने में 40 से ज्यादा आतंकी हमले दर्ज किए गए. एक अन्य साथ ही आतंकी घटनाओं के पिछले ट्रेंड के विपरीत इजाफे की रफ्तार काफी अधिक रही. यानि जुलाई 2021 में आतंकी हमलों का आँकड़ा 25 से अगस्त 2021 में बढ़कर 45 हो गया. अगस्त महीने के इन हमलों में पाक के 34 नागरिक और 22 सुरक्षाकर्मियों सहित 64 लोग मारे गए. जबकि 136 अन्य घायल हुए जिनमें 96 नागरिक और 36 सुरक्षाकर्मी शामिल थे.
पाकिस्तान के लिए आतंकी आँच बढाने वाली बात यह भी है कि उसके यहाँ अगस्त 2021 में दर्ज किए गए अधिकतर हमले खैबर पख्तूनख्वा (FATA) के इलाके में हुए जिसकी सीमाएं अफगानिस्तान से मिलती हैं. इस क्षेत्र में ही अगस्त के दौरान में 27 आतंकवादी हमले हुए जिसमें 13 नागरिकों और 14 सुरक्षा कर्मियों सहित 27 लोगों की मौत हो गई.
पाकिस्तान के लिए बड़ा सिरदर्द अफ़ग़ानिस्तान क़ई जेलों से छूटे तहरीक-ए-तलीबान पाकिस्तान के क़ई खूँखार आतंकी भी हैं. दोनों देशों की सीमाओं पर मौजूद भीड़ के बीच यह आतंकी पाकिस्तान में दाखिल होकर कहर बरपा सकते हैं. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जहां अब काबुल के बाद इस्लामाबाद क़ई सत्ता हिलाने की बातें कर रहे हैं. वहीं अफ़ग़ान तालिबान नेता यह जता चुके हैं कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान इस्लामाबाद का सिरदर्द है जिससे उसको खुद निपटना होगा.