सुरक्षा परिषद में शांति दूत बन पहुंच गया पाकिस्तान,कहीं न कर दे बड़ा नुकसान? भारत ने बना लिया पहले ही प्लान
UNSC meeting: पाकिस्तान सुरक्षा परिषद में एक बार फिर से कश्मीर का मुद्दा उठा सकता है. ऐसे में भारत ने इसे काउंटर करने का अपना प्लान बना दिया है.
UNSC Meeting: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक इस महीने से शुरू हो जाएगी. इस बार की बैठक में पकिस्तान एक बार फिर से कश्मीर का मुद्दा उठा कर भारत को घेरने की कोशिश करेगा. ऐसे में भारत ने पकिस्तान का काउंटर करने के लिए अपना मास्टरप्लान तैयार कर लिया है.
भारत ऐसे में एक बार अपने पुराने सहयोगियों और यूरोप के कुछ यूएनएससी सदस्यों के सहयोग से ले सकता है, ताकि कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय बनाने के पाकिस्तान के कोशिश को रोका जा सके.
भारत के साथ मतभेद आ सकते हैं खुलकर सामने
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के कई सदस्य बुधवार (1 जनवरी, 2025) से बदल गए हैं. इसमें कुछ गैर-स्थायी सदस्यों की एंट्री हो रही है, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल है. उसे अब आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने के मामले में एक तरह की वीटो शक्ति प्राप्त हो जाएगी जिन्हें वह पनाह देता आया है. जून में अस्थायी सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद, पाकिस्तान सुरक्षा परिषद में एशिया-प्रशांत देशों के लिए दो सीटों में से एक पर जापान की जगह लेगा और दो साल तक यह सीट पर रहेगा.
इस्लामाबाद को अब 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड साजिद मीर जैसे अपने आतंकवादियों की सुरक्षा के लिए इस्लामिक स्टेट और अलकायदा प्रतिबंध समिति में बीजिंग पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, जो इन दोनों संगठनों से जुड़े व्यक्तियों और समूहों को आतंकवादी घोषित करती है और उन पर प्रतिबंध लगाती है. इस दौरान भारत के साथ उसके मतभेद खुलकर सामने आ सकते हैं.
भारत ने तैयार किया काउंटर प्लान
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, भारत को उम्मीद है कि इस मुद्दे पर उसे स्थायी परिषद के सदस्यों रूस, फ्रांस और अमेरिका से समर्थन मिलेगा. जानकारी के नुसार, भारत उन मुद्दों पर यूएनएससी के कुछ स्थायी सदस्यों के संपर्क में है, जिन पर अगले दो सालों में बहस हो सकती है.
चीन पर रहेगी सभी की नजर
यूएनएससी में सभी की निगाह चीन पर होगी. चीन कई मौके पर पकिस्तान की मदद करते हुए नजर आया है. जानकारी के अनुसार, कज़ान शिखर सम्मेलन के बाद से बीजिंग के साथ संबंधों में आई नरमी के बीच, चीन संतुलित रुख अपना सकता है. भारत इसके अलावा अन्य गैर-स्थायी सदस्यों के साथ समन्वय करने की भी योजना बना रहा है. इसमें पुराने अफ्रीकी साझेदार अल्जीरिया के अलावा ग्रीस, डेनमार्क और स्लोवेनिया हैं, जो सुरक्षा परिषद में गैर-स्थायी सदस्य हैं.