टेरर फंडिंग की वजह से फिलहाल FATF की 'ग्रे लिस्ट' में ही रहेगा पाकिस्तान
एफएटीएफ के मुताबिक पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद को धन उपलब्ध होने पर अंकुश लगाने में विफल रहा है.
नई दिल्ली: आतंकवाद को धन उपलब्ध होने पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में ही रखने का बुधवार को निर्णय लिया. इस बारे में अधिकारियों ने यह जानकारी दी है, अपने बयान में अधिकारियों ने बताया कि एफएटीएफ के मुताबिक वह लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद को धन उपलब्ध होने पर अंकुश लगाने में विफल रहा है.
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने अपनी तीसरी डिजिटल बैठक में यह फैसला किया. इस घटनाक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, ‘‘एफएटीएफ ने अक्टूबर में होने वाली अगली बैठक तक पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में रखने का निर्णय लिया है.’’
अधिकारी ने बताया कि एफएटीएफ को यह लगता है कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को धन उपलब्ध होने पर अंकुश लगाने में विफल रहा, इसलिए यह फैसला लिया गया है.
ग्रे लिस्ट के मद्देनजर पाकिस्तान को पिछले साल अक्टूबर के बाद से दो बार यह एक्सटेंशन मिला है. वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के फैले संक्रमण को देखते हुए संस्था ने उन देशों की स्थिति जस की तस रखी है जो पहले से ही 'ग्रे लिस्ट' में शामिल थे. वहीं, जो देश ब्लैक लिस्ट में थे, वे भी उसी में रहेंगे.