नई दिल्ली: गुरुवार को असदुद्दीन ओवैसी की रैली में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाने वाली अमूल्य के घर तोड़फोड़ हुई है. ये घटना देर रात की है. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. अमूल्य ने कल बेंगलुरू में ओवैसी की मौजूदगी में मंच से 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए थे. इसको लेकर उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 124A, 153A, 153B, 505/2 34 के तहत मामला दर्ज किया गया. कल देर रात उसे जज के सामने पेश किया गया. जज शिरीन जे और जज अंसारी ने अमूल्य को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.


जो अपने आप को लिबरल समझते हैं वो सबसे ज्यादा बदतमीज- ओवैसी


कल अमूल्य के नारा लगाने के तुरंत बाद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान समर्थित नारेबाजी की कड़े शब्दों में निंदा की थी. ओवैसी ने कहा कि नारा लगाने वाली लड़की का हमारी पार्टी से कोई संबंध नहीं है. इसके साथ ही ओवैसी ने कहा कि जो लोग अपने आप को लिबरल समझते हैं, आजाद खयाल का समझते हैं वो सबसे ज्यादा बदतमीज हैं. इन्हें संविधान के बार में कुछ नहीं मालूम. इन्हीं लोगों की वजह से हमारे दुश्मनों को हम पर ऊंगली उठाने का मौका मिल जाता है.


कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने क्या कहा


'पाकिस्तान जिंदाबाद' की नारेबाजी पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि अमूल्य को बेल नहीं मिलना चाहिए. उसके पिता ने भी कहा कि वह उसे नहीं बचाएंगे. इससे ये साबित होता है कि उसके नक्सलियों के साथ संबंध हैं. उसे उचित सजा मिलनी चाहिए. वहीं बेंगलुरू में श्री राम सेना और हिंदू जनजागृति समिति के सदस्यों ने अमूल्य के खिलाफ प्रदर्शन किया.


16 फरवरी वाला अमूल्य का फेसबुक पोस्ट चर्चा में


इस घटना के बाद अमूल्य का एक फेसबुक पोस्ट भी चर्चा में है. ये पोस्ट 16 फरवरी का है. इस पोस्ट में हिंदुस्तान जिंदाबाद, पाकिस्तान जिंदाबाद, अमेरिका जिंदाबाद, सिंगापुर जिंदाबाद, दुबई जिंदाबाद, बांग्लादेश जिंदाबाद, श्रीलंका जिंदाबाद. सारे देशों के नाम लिख उसने कहा कि सारे देशों के नारे लगाने ठीक हैं लेकिन जिंदाबाद नारा लगाने से कुछ नहीं होगा जब तक वहां के नागरिकों को आजादी नहीं मिलती.


बीजेपी ने साधा निशाना


बीजेपी के संबित पात्रा ने कहा कि ओवैसी के मंच से पाकिस्तान जिंदाबाद बोला गया. यह स्पष्ट है कि कहीं न कहीं उनके मन में खोट है. संबित पात्रा ने कहा, '' मेरा सवाल ओवैसी जी के सभी समर्थकों से सवाल है कि वारिस पठान जब बोल रहे थे तो उनका माइक क्यो नहीं छीना. वे कौन सी आजादी छीनने की बात कर रहे हैं?''