जम्मू: इस साल पाकिस्तान जम्मू से सटी लाइन ऑफ कंट्रोल पर 2300 से अधिक बार युद्धविराम उल्लंघन की घटनाओं को अंजाम दे चुका है. इसमें से रिकॉर्ड 1000 से अधिक उल्लंघन की घटनाओं को धारा 370 हटने के बाद अंजाम दिया गया है.


सेना का दावा है कि इन घटनाओं की आड़ में पाकिस्तान घुसपैठ कराने की कई नाकाम कोशिशें भी कर चुका है. भारतीय सेना के जम्मू के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट देविंदर आनंद का दावा है कि पाकिस्तान 1971 के युद्ध में मिली करारी हार के बाद भी सुधर नहीं रहा है. अगर इस साल के आंकड़ों की बात करें तो अब तक पाकिस्तानी सेना लाइन ऑफ कंट्रोल पर 2,300 से अधिक बार युद्धविराम का उल्लंघन कर चुकी है. इतना ही नहीं जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद से अब तक पाकिस्तान लाइन ऑफ कंट्रोल पर 1000 से अधिक बार गोलीबारी कर चुका है जो एक रिकॉर्ड है.


गौरतलब है कि भारतीय सेना ने सोमवार को भारत-पाकिस्तान के 1971 में हुए युद्ध पर जीत का जश्न मनाया. सेना इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाती है. जम्मू में सेना ने इस युद्ध में शहीद हुए वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. सेना का दावा है कि आज ही के दिन 1971 में भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना ने ना सिर्फ पाकिस्तान को इस युद्ध में हराया था बल्कि तब के पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल नियाजी को अपने 93,000 सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण करने को मजबूर किया था. सेना की माने तो पाकिस्तान ने इस साल इन युद्धविराम उल्लंघन की कोशिशों के बीच कई बार घुसपैठ करने की भी नाकाम कोशिशें की है. सेना का दावा है कि पाकिस्तान को भारतीय सेना ने सिर्फ सीमा पर गोलीबारी करने तक ही सीमित कर दिया है और इसके इलावा पाकिस्तान अपनी किसी भी नापाक साजिश में सफल नहीं हुआ है. सेना के मुताबिक सीमा पर पाकिस्तान की हर नापाक साजिश को करारा जवाब देने के लिए सेना मुस्तैद है. सेना के प्रवक्ता के मुताबिक सीमा पर बर्फ गिरने, कोहरे और ठण्ड पड़ने से पहले ही पाकिस्तान की हर नापाक साजिश को करारा जवाब देने के लिए व्यापक इंतजाम किये गए हैं.


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