भोपाल: पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद इमरान वारसी (40) को भोपाल जेल में दस साल की सजा काटने के बाद 26 दिसंबर को वापस पाकिस्तान भेजा जाएगा. वह धोखाधड़ी और षडयंत्र करने के विभिन्न आरोपों के तहत जेल की सजा काट रहा था. इमरान वारसी को वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान के अधिकारियों को सौंपा जाएगा. पाकिस्तानी नागरिक की घर वापसी भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर हामिद निहाल अंसारी (33) के पाकिस्तान से छह साल बाद भारत लौटने के करीब एक हफ्ते बाद हो रही है.
भोपाल स्थित शाहजहांनाबाद इलाके के नगर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) नागेन्द्र कुमार पटेरिया ने बताया, ‘‘हमें इमरान वारसी को 26 दिसंबर को वाघा सीमा पर भेजना है. वहां कानूनी प्रक्रिया करने के बाद उसे पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले कर दिया जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि डिस्ट्रिक्ट फॉरेन रजिस्ट्रेशन आफिसर और भोपाल के पुलिस अधीक्षक धर्मवीर यादव के कार्यालय ने शाहजहांनाबाद पुलिस स्टेशन को पत्र और दस्तावेज सौंपे हैं, ताकि इमरान वारसी को वापस भेजे जाने का रास्ता साफ किया जा सके.
जब यादव से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी नागरिक इमरान वारसी पर षडयंत्र करने, धोखा देने, नकली दस्तावेज पेश करने के साथ-साथ पासपोर्ट अधिनियम और ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट का आरोप था. इन्हीं मामलों में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी और दोषी पाये जाने पर अदालत ने उसे 10 साल की सजा सुनाई थी. उन्होंने कहा कि इमरान 10 साल की सजा काटने के बाद जेल से करीब 9 महीने पहले रिहा हो गया था. जेल से रिहा होने के बाद वह वर्तमान में भोपाल शहर स्थित शाहजहांनाबाद पुलिस स्टेशन के डिटेन्शन सेंटर में रह रहा है.
पुलिस अधीक्षक धर्मवीर यादव ने बताया कि हालांकि, अब वह हिरासत में नहीं है, लेकिन नियमों के तहत वह शाहजहांनाबाद पुलिस स्टेशन के दायरे से बाहर नहीं जा सकता है. उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मी उसकी भोजन की व्यवस्था करने के साथ-साथ उसकी रोजमर्रा की जरूरतों को भी पूरा करते हैं. वह रात में इसी पुलिस स्टेशन के अंदर सोता है. सीएसपी पटेरिया ने बताया कि मध्यप्रदेश पुलिस ने उसे साल 2008 में नकली दस्तावेजों के साथ भोपाल में गिरफ्तार किया था.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इमरान भी अंसारी की तरह अपने प्यार की खातिर साल 2004 में पाकिस्तान से भारत के कोलकाता शहर में आया था. यहां उसकी शादी उसके मामा की बेटी से हुई जिससे वह बेहद प्यार करता था. इस समय वह दो बेटों का बाप है. इमरान करीब चार साल कोलकाता में रहने के बाद पासपोर्ट और वीजा बनाने के लिए साल 2008 में भोपाल आया था जहां वह नकली दस्तावेजों के साथ पकड़ा गया था.
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