नई दिल्ली: भारत में बीते दिनों जासूसी करते पाक उच्चायोग कर्मचारियों के पकड़े जाने और आईएसआई नेटवर्क के भंडाफोड़ से पाकिस्तान बौखला गया है. जवाबी कार्रवाई की छटपटाहट में उसने गिलगित बाल्टिस्तान में शुक्रवार को दो लोगों को पकड़ उनके जासूस और भारतीय नागरिक होने का दावा किया.
हालांकि पाक सरकार ने पकड़े गए दोनों व्यक्तियों के भारतीय होने का न तो कोई सबूत पेश किया है और न ही उनकी गिरफ्तारी के बारे में भारत सरकार को कोई आधिकारिक सूचना दी है. पाक ने पुलिस हिरासत में दोनों के कथित इकबालिया बयान से ज़्यादा कुछ भी सार्वजनिक नहीं किया है.
सरकारी सूत्रों के मुताबिके दो लोगों को भारतीय जासूसी बताकर पकड़ने का दावा और मीडिया में इस बात का तमाशा, पाकिस्तानी दुष्प्रचार से अधिक कुछ भी नहीं. पाकिस्तान अक्सर इस तरह का दुष्प्रचार करता रहता है. लेकिन इसकी कोई आधिकारिक जानकारी भारत सरकार को नहीं देता है. इस बार भी पाक सरकार की तरफ से कोई सूचना भारत के इस्लामाबाद स्थित उच्चायोग को इस बाबत कोई सूचना नहीं दी है. पकड़े गए व्यक्ति भारतीय हैं या नहीं इसकी पुष्टि तो तभी सम्भव है जब उनकी नागरिकता के बारे में कोई तस्दीक हो सके.
महत्वपूर्ण है कि बीते दिनों पाकिस्तान उच्चायोग में काम करने वाले आबिद हुसैन और ताहिर हुसैन को न केवल रंगे हाथों सेना की संवेदनशीला जानकारी जुटाते हुए पकड़ा गया था. बल्कि 31 मई को पकड़े जाने के बाद उन्हें 24 घण्टे के भीतर भारत छोड़ने को भी कहा गया था.
इतना ही नहीं मिलिट्री इंटेलिजेंस और उत्तरप्रदेश व राजस्थान पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले दो लोगो को राजस्थान से भी बीते दिनों धर दबोचा था. इन करवाई में यह सामने आया कि किस तरह पाक भारतीय सेना के मूवमेंट के बारे में जानकारियां जुटाने में लगा है.
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