एक पाकिस्तानी नागरिक और उसके परिवार को बेंगलुरु के पास से गिरफ्तार किया गया है. परिवार पर आरोप है कि वह फर्जी पहचान और फर्जी दस्तावेजों के साथ भारत में रह रहा था. 


कर्नाटक के बेंगलुरु से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां बेंगलुरु के बाहरी इलाके में एक पाकिस्तानी नागरिक और उसके परिवार के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. ये परिवार भारत में पिछले 10 साल से अवैध तरीके से फर्जी नाम और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रह रहा था.

2014 में दिल्ली आया था परिवार


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोप है कि ये परिवार 2014 में दिल्ली आया था. इसके बाद बेंगलुरु में रहने लगा. इससे पहले ये परिवार बांग्लादेश के ढाका में रहता था. पुलिस ने गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान राशिद अली सिद्दीकी, उसकी पत्नी आयशा और उसके माता-पिता हनीफ मोहम्मद और रूबीना के तौर पर की है. ये परिवार बेंगलुरु के पास राजापुरा में शंकर शर्मा, आशा रानी, राम बाबू शर्मा और रानी शर्मा के नाम से रह रहा था. 

ढाका में की थी शादी


शुरुआती जांच में पता चला है कि पाकिस्तानी नागरिक की पत्नी बांग्लादेश में रहती थी और दोनों ने ढाका में शादी की थी. पुलिस को मिली खुफिया जानकारी के बाद पूरे परिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. एक पुलिस अफसर ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया,  एक परिवार के चार लोग फर्जी दस्तावेजों की मदद से अवैध रूप से यहां रह रहे थे. मामला दर्ज कर इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है, इसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. 

6 साल से बेंगलुरु में था परिवार


अधिकारियों ने बताया कि यह परिवार फर्जी दस्तावेज बनवाकर पिछले छह साल से जिगनी में किराए के मकान में रह रहा था. पुलिस ने बताया किये परिवार एक गैरेज में सामान सप्लाई करते थे. लेकिन इन लोगों से उनके नेटवर्क और गतिविधियों को लेकर पूछताछ की जा रही है. पुलिस ने बताया कि जब इनके घर पर छापा डाला गया, तब वहां मिले इनके असली दस्तावेजों से इनकी असली पहचान सामने आई है.