Pakistani Hindu Refugees Will Vote First Time: देश की राजधानी दिल्ली में जहां एक तरफ बांग्लादेशी घुसपैठियों की धरपकड़ चल रही है, उनके दस्तावेजों की जांच करके उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है, तो दूसरी तरफ राजधानी दिल्ली के विधानसभा चुनावों में दशकों से दिल्ली में रह रहे सैकड़ों पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी First Time Voter बन कर पहली बार भारत के किसी चुनाव में वोट देंगे.

दिल्ली के मजनू का टीला इलाके के श्री राम सेना कैंप में रह रहे 500 से ज्यादा पाकिस्तानी हिंदुओं को कुछ ही महीने पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Ammendment Act) के तहत भारत की नागरिकता मिली है और अब बताया जा रहा है कि इन सैकड़ों परिवारों का नाम भी वोटर लिस्ट में जुड़ गया है और इनका ई–वोटर आईडी कार्ड (e Voter Id Card) भी आ गया है.


'वोट देने के साथ- साथ जीने का भी अधिकार मिला'


पाकिस्तान से भारत में शरण लेकर रह रहे हिंदुओं के श्री राम सेना कैंप के प्रमुख धर्मवीर बागड़ी ने एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए बताया कि अब तक 300 से ज्यादा पाकिस्तानी हिंदुओं का नाम नागरिकता मिलने के बाद वोटर लिस्ट में जुड़ गया है. धर्मवीर बागड़ी के मुताबिक अभी तक हम सबके गले में फांसी का फंदा लटका हुआ था लेकिन अब वोट देने के अधिकार के साथ- साथ जीने का भी अधिकार मिला है.


'वोटर बन गए, उनकी भी होगी सुनवाई'


दिल्ली के मजनू का टीला स्थित जिस कैंप में यहां पाकिस्तानी हिंदू रहते हैं वहां अभी भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, सड़क कच्ची है और कच्चा मकान ही सहारा है लेकिन यहां रहने वाली राम प्यारी और मीना के मुताबिक अब स्थिति बदलेगी. एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान अपना ई वोटर आईडी कार्ड दिखाते हुए मीना ने कहा कि अभी तक वोटर नहीं बने थे तो नेता भी कैंप में नहीं आते थे, अगर आ भी गए तो बिजली, पानी, सड़क वाली मूलभूत सुविधाओं को नजरअंदाज करते थे. लेकिन अब वो वोटर बन गए हैं तो उनकी भी सुनवाई होगी.


'अब उन्हें कोई पाकिस्तानी नहीं कहेगा'


जहां एक तरफ पहली बार भारत के वोटर बने पाकिस्तानी हिंदुओं को खुशी है कि अब नेता और सरकारें उनकी भी सुनेंगी तो कैंप में रहने वाली बलदेवी के मुताबिक अभी तक सभी लोग उन्हें पाकिस्तानी कह कर ही पुकारते थे. लेकिन अब वोट देने का अधिकार मिलने के बाद पूरी तरह से वो और उनका परिवार हिन्दुस्तानी हो गया है. अब उन्हें कोई पाकिस्तानी नहीं कहेगा.


'पाकिस्तान से जान बचा कर आए थे भारत'


पाकिस्तान से जान बचा कर भारत में शरण लेने आए कई परिवारों की माने तो उन्हें भरोसा ही नहीं था कि वो कभी भारत के नागरिक भी बन पाएंगे लेकिन आज भारत के नागरिक बनने के साथ साथ ये भारत के वोटर भी बन गये हैं. तकरीबन 20 साल पहले पाकिस्तान से भारत शरण लेने आये बादल के मुताबिक पाकिस्तान में उनके बच्चों को स्कूल जाने पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जाता था इसी वजह से भारत आकर उन्होंने परिवार के साथ शरण ली थी लेकिन अब वोटर बन गए हैं, तो जो भी चुनाव जीतेगा वो उनके बच्चों की शिक्षा के लिए काम करेगा. साथ ही बिजली पानी में सहूलियत देगा.


'नागरिकता से वोटर तक सब कुछ पीएम मोदी की वजह से'


मजनू के टीला में रह रहे ज्यादातर पाकिस्तान से आए हिंदू जो अब वोटर बन गए हैं उनकी पहली पसंद प्रधानमंत्री मोदी हैं और यहां रहने वाले फर्स्ट टाइम वोटर सोना दास और रानी के मुताबिक नागरिकता देने से लेकर वोटर आईडी तक सब कुछ पीएम मोदी की वजह से संभव हुआ है ऐसे में वोट डालते समय भी मोदी फैक्टर उनके दिमाग में रहेगा.