Pakistani Hindus Left India: पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचार की खबरें आए दिन सामने आती हैं. इन अल्पसंख्यकों में हिंदू समुदाय के भी लोग शामिल हैं. इनमें से कई लगातार भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करते आए हैं. लेकिन अब एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा किया गया है. जिसमें बताया गया है कि 800 पाकिस्तानी हिंदुओं को इसलिए पाकिस्तान वापस लौटना पड़ा क्योंकि उन्हें भारत में नागरिकता नहीं मिल पाई. 


इसलिए वापस लौटे पाकिस्तानी हिंदू
अंग्रेजी अखबार द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों के अधिकारों की पैरवी करने वाले ग्रुप सीमांत लोक संगठन ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया है. इसमें कहा गया है कि, भारत में नागरिकता का इंतजार कर रहे 800 हिंदुओं ने इसलिए पाकिस्तान वापस जाने का फैसला किया, क्योंकि उनकी नागरिकता के मामले में बात आगे नहीं बढ़ रही थी और कोई ठोस जवाब नहीं दिया जा रहा था. 


द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढा ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि, जब ये तमाम हिंदू पाकिस्तान पहुंचे तो इस पड़ोसी मुल्क ने इन्हें भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने के लिए इस्तेमाल किया. इन सभी की मीडिया के सामने परेड करवाई गई और जबरन ये कहने को कहा गया कि भारत में इनके साथ बुरा बर्ताव हुआ था. 


भारत में क्या है नागरिकता की प्रक्रिया?
साल 2018 में केंद्रीय गृहमंत्रालय ने नागरिकता लेने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया. जिसकी मदद से पड़ोसी मुल्कों में सताए गए लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए देश के 7 राज्यों में 16 कलेक्टर तैनात किए गए, जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से नागरिकता का आवेदन करने वाले हिंदू, सिख, क्रिश्चियन, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों का ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करते हैं. इसके बाद मई 2021 में पांच और राज्यों में 13 जिलाधिकारियों को ये अधिकार दिया गया. इन राज्यों में गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब शामिल थे. 


नागरिकता आवेदन में क्या होती है परेशानी?
दरअसल बताया गया है कि ऑनलाइन पोर्टल में उन लोगों के आवेदन नहीं लिए जाते हैं, जिनके पासपोर्ट एक्सपायर हो जाएं. ऐसे में पड़ोसी देशों के इन लोगों को पहले अपना पासपोर्ट रिन्यू करवाना होता है, जिसके लिए कई बार मोटी रकम वसूली जाती है. ज्यादातर लोग इसे नहीं चुका पाते हैं और अपना आवेदन नहीं कर पाते. इसके अलावा इन लोगों को कलेक्टर के पास जाकर अपने दस्तावेज जमा करवाने होते हैं. इसके बाद ही उनकी नागरिकता का पूरा प्रोसेस शुरू हो पाता है. हालांकि बताया गया है कि गृह मंत्रालय जल्द इस पूरे प्रोसेस की समीक्षा कर सकता है. 


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