Pakistani In Indian Jail: अमृतसर की जेल में बंद पाकिस्तानी कैदी कर रहे घर वापसी का इंतजार, हाई कोर्ट ने केंद्र को दिया ये आदेश
Pakistani Prisoners: सजा पूरी होने के बावजूद हिरासत में पाकिस्तान के दो किशोरों की ओर से जस्टिस एनएस शेखावत से संपर्क करने के बाद हाई कोर्ट ने पहले इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया था.
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Pakistani Prisoners In India: अमृतसर की सेंट्रल जेल के एक ट्रांजिट कैंप में कम से कम 30 पाकिस्तानी नागरिक एक अजीबो-गरीब स्थिति में हैं. इन लोगों की जेल में सजा पूरी हो चुकी है लेकिन वो अपने घर नहीं जा पा रहे हैं. मामले पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को उनकी स्वदेश वापसी के लिए पाकिस्तानी दूतावास के साथ आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है.
दि ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, चीफ जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया और जस्टिस लापीता बनर्जी की खंडपीठ ने अदालत के समक्ष रखे गए उस रुख को भी स्पष्ट रूप से निराधार बताया जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तानी नागरिकों को स्वदेश भेजने के लिए पाकिस्तान हाईकमीशन की ओर से यात्रा दस्तावेजों को प्रस्तुत करना आवश्यक था.
क्या कहा पीठ ने?
अन्य बातों के अलावा, ये भी कहा गया कि दो नौजवानों की स्वदेश वापसी इसलिए नहीं हो सकी क्योंकि पाकिस्तानी उच्चायोग अटारी में एकीकृत चौकी पर यात्रा दस्तावेज नहीं ला पाया. कहा गया कि इन नौजवानों के यात्रा दस्तावेजों में कमी रह गई थी. तरनतारन किशोर न्याय बोर्ड की ओर से पारित 18 अप्रैल, 2023 के आदेश का हवाला देते हुए पीठ ने कहा कि इससे पता चलता है कि किशोरों पर पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 के प्रावधानों के तहत मुकदमा चलाया गया और उन्हें बरी कर दिया गया.
पीठ ने कहा, ''ऐसी परिस्थितियों में, कम्यनिकेशन में अपनाया गया रुख कि पाकिस्तान उच्चायोग द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला कोई भी यात्रा दस्तावेज होना चाहिए, यह निराधार प्रतीत होता है. एएफआरआरओ, आईसीपी अटारी रोड, अमृतसर को सुनवाई की अगली तारीख पर उपस्थित होने दें. यह कहने की जरूरत नहीं है कि अगर दो किशोरों का प्रत्यावर्तन सुनवाई की अगली तारीख से पहले किया जाता है तो अधिकारी को उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है.
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