Adish Aggarwala on Hamid Ansari: पाकिस्तान के पत्रकार नुसरत मिर्ज़ा (Nusrat Mirza) की जासूसी को लेकर बहस तेज हो गई है. उन्होंने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में ये कहा कि वो 2011 में टेररिज्म पर आयोजित हुए कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए भारत आए थे. इतना ही नहीं उन्होंने भारत के खिलाफ जासूसी की और जानकारी ISI के साथ साझा की. सबसे चौकाने वाले आरोप के अनुसार उन्हें पूर्व उपराष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी (Hamid Ansari) द्वारा बुलाया गया था. इस बीच इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ ज्यूरिस्ट के अध्यक्ष अदीश अग्रवाल (Adish Aggarwala) ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए पूर्व राष्ट्रपति को घेरा है.
वहीं, पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी (Hamid Ansari) ने सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ ज्यूरिस्ट की कॉन्फ्रेंस को अटेंड किया था, लेकिन वो ऑर्गेनाइजर नहीं थे.
हामिद अंसारी पर अदीश अग्रवाल का चौंकाने वाला खुलासा!
इस मामले पर इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ ज्यूरिस्ट का पक्ष जानने के लिए एबीपी न्यूज ने काउंसिल के अध्यक्ष डॉक्टर अदीश अग्रवाल से बात की. उन्होंने कहा कि मैं नहीं कह रहा हूं कि वाइस प्रेसिडेंट ने जानकारी दी, लेकिन उन्होंने मेरा नाम मिसयूज किया, जिससे शक जरूर पैदा हो जाता है. अदीश अग्रवाल ने कहा कि उन्हें ये बोलने में क्या परेशानी है कि वो पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्ज़ा से जामा मस्जिद यूनाइटेड फोरम के प्रोग्राम में मिले थे. सच क्यों छुपा रहे हैं? क्योंकि प्रोग्राम के लिए भारत सरकार की, मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स, गृह मंत्रालय की इजाज़त नहीं ली गई थी. ना ही वाइस प्रेसिडेंट ने इस प्रोग्राम के लिए क्लियरेंस लिया था.
क्या अंसारी चाहते थे कि नुसरत मिर्जा कॉन्फ्रेंस में आएं?
डॉक्टर अदीश अग्रवाल ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी की किताब का को-ऑथर हूं. मैं कोई गलती करूंगा तो एक्शन मेरे खिलाफ भी लिया जाएगा. वाइस प्रेसिडेंट ने सही कहा कि वो ऑर्गेनाइजर नही थे, लेकिन पाकिस्तान के जर्नलिस्ट की बात सही है क्योंकि कॉन्फ्रेंस का इनविटेशन वाइस प्रेसिडेंट ने स्वीकार कर लिया था. उस समय अशोक दीवान उनके ऑफिस में डायरेक्टर थे. उन्होंने बुलाकर मुझसे ये कहा था कि वाइस प्रेसिडेंट चाहते हैं कि आप पाकिस्तान के पत्रकार को इस कॉन्फ्रेंस में बुलाएं. मैंने उनकी बात सुनी, लेकिन पत्रकार को नहीं बुलाया.
किस कॉन्फ्रेंस में आए थे पाकिस्तानी पत्रकार?
डॉक्टर अदीश अग्रवाल (Adish Aggarwala) ने आगे कहा कि इस तरह के कार्यक्रम में कोई बिना न्योते के घुस नहीं सकता है. सबको एक नंबर दिया जाता है. हमने नहीं बुलाया, इसलिए वाइस प्रेसिडेंट (Vice President) हमसे नाराज भी हो गए. 10 दिसंबर को अशोक दीवान ने फोन कर कहा कि नाराजगी के कारण अब उप राष्ट्रपति आपके कॉन्फ्रेंस में सिर्फ 20 मिनट रहेंगे. जबकि कार्यक्रम एक घंटे का था. हमने ये भी कहा कि इतना कम टाइम ठीक नहीं है, हम इनविटेशन वापस ले लेते हैं. अदीश अग्रवाल ने कहा कि पत्रकार नुसरत मिर्ज़ा (Nusrat Mirza) जो कह रहे हैं कि वाइस प्रेसिडेंट के इनविटेशन पर आए वो दूसरी कॉन्फ्रेंस थी. इस कॉन्फ्रेंस को जामा मस्जिद के शाही इमाम की संस्था ने आयोजित किया था. हमारी किसी भी कॉन्फ्रेंस में पत्रकार नुसरत मिर्ज़ा नहीं आए.
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