भारत में जासूसी को लेकर पाकिस्तानी पत्रकार का बेतुका दावा, पहले भी उठ चुके हैं सवाल
Pakistani Journalist Nusrat Mirza: पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा के भारत की सूचनाओं को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को सौंपने के बयान पर भारत ने कहा-ना तो इसका कोई प्रमाण है ना ही पुष्टि हुई है.
Pakistani Journalist Nusrat Mirza: पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार और कॉलमनिस्ट नुसरत मिर्जा ने अपनी भारत यात्राओं के दौरान सूचनाएं जमा करने और उन्हें पाक खुफिया एजेंसी (intelligence Agency) को सौंपने का चौंकाने वाला दावा किया है. एक ऑनलाइन इंटरव्यू में आया उनका यह दावा और भी सनसनीखेज हो जाता है क्योंकि उन्होंने भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी (Hamid Ansari) के न्यौते पर इन यात्राओं का हवाला दिया है.
पहले भी बेतुके दावों को लेकर रहे हैं चर्चा में
हालांकि नुसरत के इन दावों पर फिलहाल भारत सरकार (Indian Government) की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. वहीं सरकारी सूत्रों के मुताबिक उनके दावों का फिलहाल न तो कोई प्रमाण है और ना ही पुष्टि. इतना ही नहीं मिर्जा के आलेख कई बार बेतुके दावों के कारण चर्चाओं में रह चुके हैं.
दरअसल, नुसरत मिर्जा (Nusrat Mirza) पाकिस्तान के अखबारों में प्रकाशित आलेखों में 20011 में आई जापान की सुनामी से लेकर पाकिस्तान (Pakistan) में 2005 के भूकंप और 2010 की बाढ़ जैसी घटनाओं के पीछे अंतरिक्ष यानों की उड़ान और हाई फ्रीक्वेंसी एक्टिव ऑरोरल रिसर्च प्रोग्राम जैसी चीजों के दावे कर चुके हैं. इतना ही मिर्जा उन लोगों में भी शामिल हैं जो सितंबर 2001 में हुए न्यूयॉर्क के 9/11 आतंकी हमले को अमेरिका सरकार की साजिश जैसे बेतुके दावे कर चुके हैं.
मिर्जा ने कहा-हम मुगल हैं, भारत पर हुक्मरानी की है
पाक पत्रकार शकील चौधरी को दिए एक ऑनलाइन इंटरव्यू में मिर्जा ने भारत को समझने का दावा करते हुए कहा कि, "चूंकि हम मुगल हैं. हमने भारत पर हुक्मरानी की है. हम वहां के हालात को जानते हैं. इंडिया के कल्चर को हम समझते हैं और उनकी कमजोरी को हम जानते हैं. लेकिन अब मसला यह है कि हमारे पास मौजूद समझ और तजुर्बे का फायदा उठाने को कोई पाकिस्तान में तैयार नहीं है."
पाकिस्तान की राजनीति में रहे हैं सक्रिय
करीब 80 बरस के नुसरत मिर्जा केवल पत्रकार ही नहीं हैं, बल्कि सिंध के इलाके में मोहाजिरों (विभाजन के वक्त भारत के अलग-अलग इलाकों से पाकिस्तान गए लोग) के लिए राजनीतिक रूप से सक्रिय मुहाजिर राबिता काउंसिल जैसा संगठन भी बना चुके हैं.
माना जाता है कि मिर्जा फौज के भी करीब हैं और मुहाजिर राबिता काउंसिल को पाक फौज ने ही एमक्यूएम के मुकाबले खड़ा करवाया था। उनकी 2005 की भारत यात्रा के दौरान पाक सेना के रिटायर्ड ले. जनरल तलत मसूद भी उनके साथ थे. वहीं पत्रकार शकील चौधरी के दिए साक्षात्कार में उन्होंने दावा किया कि जनरल मुशर्रफ के शासनकाल में पाकिस्तान के विदेश मंत्री रहे खुर्शीद महमूद कसूरी की सिफारिश पर उन्हें भारत में 7 शहरों का वीजा हासिल हुआ था.
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