इस्लामाबाद: जाधव की मां और पत्नी की यात्रा के दौरान किए गए घटिया बर्ताव का पाकिस्तान ने फिर बचाव किया. भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को उनकी मां और पत्नी से मिलवाने के दौरान सख्त सुरक्षा उपाय करने का बीते गुरुवार को एक बार फिर बचाव करते हुए पाकिस्तान ने दावा किया है कि उन उपायों पर भारत के साथ द्विपक्षीय सहमति बनी थी.


विदेश मंत्री ख्वाजा अहमद आसिफ ने भारत के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि 25 दिसंबर को पत्नी और मां से जाधव की मुलाकात मानवता के आधार पर कराई गई थी. उन्होंने कहा कि पहले तो मुलाकात का वक्त 30 मिनट ही तय था, लेकिन अनुरोध पर इसे बढ़ाकर 40 मिनट का किया गया. उन्होंने दावा किया कि जाधव की मां ने मुलाकात के बाद पाकिस्तान का शुक्रिया अदा किया था.


पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया था कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने जाधव की पत्नी के जूते को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है ताकि जूते में किसी बाहरी चीज की संदेहास्पद मौजूदगी की प्रकृति का पता लगाया जा सके. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल के हवाले से कहा गया था कि अधिकारियों को पता लगाना था कि जूते में मौजूद चीज़ कोई कैमरा या रिकॉर्डिंग चिप तो नहीं.


विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से मानवता दिखाने से यह तथ्य खत्म नहीं हो जाता कि जाधव भारतीय नौसेना का एक सेवारत अधिकारी है और एक दोषी भारतीय आतंकवादी और जासूस है. उन्होंने कहा कि इसी वजह से गहन सुरक्षा जांच जरूरी थी. आगे कहा गया कि कूटनीतिक चैनलों से दोनों देश इस पर पहले ही सहमत हो चुके थे. पाकिस्तान का कहना है कि जाधव के परिवार से आदर और गरिमा के साथ बर्ताव किया गया और पूरी तरह सुरक्षा कारणों से कपड़े बदलवाए गए और गहने उतरवाए गए.


विदेश मंत्री ने कहा कि मुलाकात के बाद जाधव की मां और पत्नी ने अपने पहले वाले कपड़े पहन लिए और उनके रवाना होने से पहले उनका सारा सामान उन्हें वापस कर दिया गया. हालांकि, जाधव की पत्नी के जूते रख लिए गए, क्योंकि उनमें एक कथित में चिप होने के कारण वे सुरक्षा जांच में खरे नहीं उतर सके. उन्होंने कहा कि उनके जूतों की जांच हो रही है.