भारत आए पाकिस्तानी जायरीनों ने अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाई चादर, 811वें वार्षिक उर्स समारोह में होंगे शामिल
पाकिस्तानी जायरीनों का प्रतिनिधिमंडल अजमेर आया हुआ है, यहां दरगाह में चादर चढ़ाई गई है. 811वें वार्षिक उर्स समारोह के अवसर पर जायरीन अजमेर शरीफ में हजरत सैयद मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पहुंचे हैं.
Pakistani Zaireen at Ajmer Dargah: पाकिस्तानी जायरीनों का एक प्रतिनिधिमंडल भारत आया और उसके सदस्यों ने दरगाह अजमेर शरीफ में चादर चढ़ाई. पाकिस्तान हाईकमीशन ने बताया कि उनके प्रतिनिधिमंडल ने 811वें वार्षिक उर्स समारोह के अवसर पर शनिवार (28 जनवरी) को अजमेर शरीफ में हजरत ख्वाजा सैयद मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर पारंपरिक चादर चढ़ाई है.
जानकारी के मुताबिक, भारत दौरे पर आया पाकिस्तान के जायरीनों का जत्था 1 फरवरी तक अजमेर में ही रहेगा. यहां जायरीन उर्स के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. यहां उर्स में झंडा चढ़ाने की परंपरा अफगानिस्तान के बादशाह ने शुरू की थी. एक मौलाना ने बताया कि इस साल विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 811वें सालाना उर्स के मौके पर कई देशों के जायरीन राजस्थान के अजमेर आए हुए हैं.
A delegation of Pakistani Zaireen placed the traditional Chaddar at the Dargah of Hazrat Khawaja Syed Moinuddin Hasan Chishti (RA) in Ajmer Sharif today, on the occasion of the 811th annual Urs celebrations.@ForeignOfficePk pic.twitter.com/iu6PVidcWk
— Pakistan High Commission India (@PakinIndia) January 28, 2023
इस बार आया पाकिस्तान के 240 जायरीनों का जत्था
पाकिस्तान के जायरीनों की ही बात की जाए तो वहां के 240 जायरीनों का जत्था दरगाह अजमेर शरीफ पहुंचा है. जहां उन्होंने ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की मजार पर मखमली चादर चढ़ाई है. उधर, पाकिस्तानी हाई कमीशन के प्रभारी सलमान शरीफ भी पाक सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए नई दिल्ली में हुए समारोह में शामिल हुए.
सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट
पाकिस्तानी जायरीनों के जत्थे के आगमन को देखते हुए अजमेर प्रशासन ने सभी के नाम सूचीबद्ध किए हैं. और शहर में सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट हैं. बताया जा रहा है कि पाक जायरीनों का जत्था 9 दिन यहां रहकर गरीब नवाज के उर्स में हिस्सा लेगा. यहां दरगाह में शनिवार को सैयद बिलाल चिश्ती और अंजुमन मोइनिया फखरिया चिश्तिया खुद्दाम साहिब के अन्य प्रमुख सदस्यों ने जायरीनों का स्वागत किया.
सबसे सम्मानित सूफी संतों में से एक हैं हजरत
इस्लामिक विद्वान बताते हैं कि हजरत मोइनुद्दीन चिश्ती इस्लाम के सबसे सम्मानित सूफी संतों में से एक हैं. उनका शांति, एकता, सहिष्णुता और सद्भाव के प्रति लगाव था. उनकी शिक्षाएं और प्रैक्ट्रिस समाज को एक मैसेज देती हैं, इसलिए उनकी दरगाह जाना दुनियाभर के लिए सुखद माना जाता है.
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