नई दिल्ली: सुदूर उत्तर पूर्व में स्थित सिक्किम का नाम आज देश के हवाई मानचित्र में जुड़ गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सिक्किम के पाक्यॉन्ग में पहले एयरपोर्ट का उद्घाटन किया. पाक्यॉन्ग गांव से करीब दो किलोमीटर ऊपर बना पहाड़ी पर बना एयरपोर्ट करीब 201 एकड़ में फैला है.


सामरिक रूप से क्यों महत्वपूर्ण है पाक्यॉन्ग एयरपोर्ट?
समुद्र तल से 4,500 फुट की ऊंचाई पर बना पाक्यॉन्ग एयरपोर्ट ना सिर्फ नागरिक और व्यावसायिक रूप से बल्कि सामरिक और रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है. यह भारत चीन की सीमा से सिर्फ 60 किलोमीटर की दूरी पर है. पाक्यॉन्ग एयरपोर्ट से देश की रक्षा बलों को भी ताकत मिलेगी. इसके निर्माण के पीछे सरकार की चीन सीमा को और मजबूत करने की रणनीति मानी जा रही है. बात दें कि भारत-चीन बॉर्डर की कुल लंबाई 3488 किलोमीटर है जिसका सिक्कम में हिस्सा 220 किलोमीटर है.


बॉर्डर निर्माण में चीन की स्थिति?
चीन ने पिछले कुछ समय से बॉर्डर के आस पास अपनी मिलिट्री को मजबूती देने के लिए लगातार निर्माण कर रहा है. चीन ने बॉर्डर के नजदीक रोड, रेलवे समेत संचार नेटवर्क भी स्थापित किया है. इतना ही नहीं चीन ने बॉर्डर के आस पास फाइबर ऑप्टिकल केबल बिछाने का काम भी किया है. बॉर्डर के पास रोड बनाने से चीन को सेना के मूवमेंट में सहूलियत मिलेगी.


भारत के लिए बॉर्डर पर निर्माण आवश्यक क्यों?
दोनों देशों के भी अनसुलझा सीमा विवाद एक प्रमुख राजनीतिक चुनौती बना हुआ है. इसकी वजह से दोनों देशों के बीच लगातार तनाव की स्थिति रहती है. बॉर्डर पर उपस्थिति और सहूलियत का आंकलन करें तो भारत अच्छी स्थिति में नहीं है. ऊंचाई वाले बॉर्डर पर सैनिकों को परिस्थिति के अनुकूल बनाना भारत के लिए बड़ी चुनौती है.