पलानीसामी के हाथ में तमिलनाडु की कमान, शनिवार को साबित करेंगे बहुमत
नई दिल्ली: ईके पलानीसामी तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं. सीएम पलानीसामी के सहित 30 मंत्रियों को आज राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. पलानीसामी पिछले दो महीने के अंदर तमिलनाडु के तीसरे सीएम हैं.
शनिवार को साबित करेंगे बहुमत एआईएडीएमके के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद ई पलानीसामी ने राज्यपाल सी विद्यासागर राव से सरकार बनाने का दावा पेश किया था जिसके बाद राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया था. 18 फरवरी शनिवार को तमिलनाडु विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. पलानीसामी को इसी दिन सदन में बहुमत साबित करना होगा.
124 विधायकों के समर्थन का दावा किया है पलानीसामी ने जयललिता की मौत के बाद पार्टी में चल रही उठापटक फिलहाल तो खत्म हो गई है, लेकिन सारा कुछ निर्भर करता है कि पन्नीरसेल्वम क्या रुख अपनाते हैं. पलानीसामी गुट ने दावा किया है कि उनको 124 विधायकों का समर्थन हासिल है. हालांकि बहुमत के लिए सिर्फ 118 विधायकों का समर्थन चाहिए.
ऐसे में फिलहाल तो उनके लिए कोई मुश्किल नहीं नजर आती लेकिन अगर पार्टी में शशिकला के विरोधी पन्नीरसेल्वम के दावे में सच्चाई है तो पलानीसामी के लिए जरूर मुश्किल पैदा हो सकती है.
पन्नीरसेल्वम का दावा? पन्नीरसेल्वम का दावा है कि AIADMK के 50 और DMK के 89 विधायकों का समर्थन हासिल है. इस लिहाज से उनका दावा के 139 विधायकों का है. फिलहाल अब निगाहें 15 दिन बाद तमिलनाडु विधानसभा में होने वाले बहुमत परीक्षण पर लगी हैं.
कौन हैं पलानीसामी? 63 साल के पलानीसामी तमिलनाडु के सलेम जिले की एडाप्पडी सीट से विधायक हैं, वो तीन बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं. पलानीसामी जयललिता की सरकार में कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री भी थे.
एक नजर में पूरा मामला? 14 फरवरी को आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को चार साल की सज़ा के साथ ही उनपर दस करोड़ का जुर्माना भी लगाया है. फैसले के बाद शशिकला अब दस साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगी. इसके बाद पलानीसामी को एआईएडीएमके ने विधायकदल का नेता चुना था. विधायक दल की बैठक में पार्टी के बाग़ी नेता ओ पनीरसेल्वम को एआईएडीएमके से निकाल दिया गया. शशकिला को जयललिता की मौत के बाद पार्टी का महासचिव चुना गया था.
शशिकला के खिलाफ केस क्या है? ये मामला करीब 21 साल पुराना साल 1996 का है, जब जयललिता के खिलाफ आय से 66 करोड़ रुपये की ज्यादा की संपत्ति का केस दर्ज हुआ था. इस केस में जयललिता के साथ शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को भी आरोपी बनाया गया था. शशिकला के खिलाफ ये केस निचली अदालतों से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है.