पालघर मॉब लिंचिंग: अखिल भारतीय संत समिति ने की CBI जांच की मांग, कहा- महाराष्ट्र के गृहमंत्री पर भरोसा नहीं
पालघर में मॉब लिंचिंग की घटना ऐसे समय पर हुई है जब कोरोना वायरस महामारी के चलते महाराष्ट्र समेत पूरा देश तीन मई तक लॉकडाउन है. लोगों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है. ये घटना पालघर जिले के एक गांव में शनिवार को हुई. जूना अखाड़े के दो साधुओं समेत तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई.
मुम्बई: महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़े के दो सन्यासियों की निर्मम हत्या पर अखिल भारतीय संत समिति ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखा है. पत्र लिखकर अखिल भारतीय संत समिति ने इस मामले में सीबीआई जांचकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. पत्र में हत्या के पीछे बड़ी साजिश की आशंका जताई गई है.
पालघर में हुई दो साधुओं की हत्या के मामले में अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्र नंद सरस्वती ने पत्र में सीबीआई जांच के लिए लिखा है. अखिल भारतीय संत समिति महाराष्ट्र के पालघर जिले के चिंचोली गांव में जूना अखाड़े के दो संतों की निर्मम हत्या पर दुखी है, इस घटना से पूरे विश्व का हिंदू समाज मर्मआहत है लेकिन घटना के समय और परिस्थितियों को लेकर संघ समिति के मन में कई सवाल है, जब पूरा देश कोरोना से लड़ रहा है उस समय माननीय न्यायालय के आदेश अनुसार अगर नक्सलियों को आत्मसमर्पण करना पड़ा है. ऐसे समय में गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित चिंचोली का पूरा इलाका क्रिस्टो क्रिश्चियन एवं नक्सलियों के कारण कुख्यात माना जाता है.
क्षेत्र में दो पूज्य संतों और उनके ड्राइवर की निर्मम हत्या का होना महाराष्ट्र के अंदर कानून व्यवस्था पर प्रश्न खड़े करता है. अतः माननीय गृह मंत्री भारत सरकार से आग्रह है कि संत समिति द्वारा सुझाए बिंदुओं पर केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई द्वारा जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करवाने की कृपा करें.
पत्र में अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री जितेंद्र आनंद सरस्वती ने लिखा है जांच के दौरान इन सवालों के जवाब अवश्य ढूंढे जाएं...
1. लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई संतो द्वारा पुलिस को फोन करके बुलाया गया ?
2. पुलिस ने उन्हें रोका था जब भीड़ को मार रही थी और संत बचाव के लिए पुलिस के पास भाग रहे थे तब पुलिस वाले उनका हाथ छुड़ाकर क्यों भाग रहे थे?
3. पुलिस ने संतों को बचाने के लिए हवाई फायरिंग प्रयोग क्यों नहीं किया ?
4. संतो को मारने वाले कौन है उनकी पृष्ठभूमि क्या है उन संतों की हत्या के पीछे उनका भगवा वस्त्र और संत होना तो कारण नहीं है ?
5. मृत्यु के बाद संतो के शवो को बिना ढके हुए धूल भरी में ट्राली रखकर लाया गया, मुंबई से 50 किलोमीटर दूरी पर स्थित पालघर में कोई एंबुलेंस नहीं है ?
6. क्या पुलिस दबाव में कार्य कर रही है?
पत्र में आगे लिखा गया है कि अखिल भारतीय संत समिति जूना अखाड़े के साथ खड़ी है वो चाहे जो भी निर्णय ले. महाराष्ट्र सरकार ने न्याय पूर्ण कार्रवाई नहीं की तो अखिल भारतीय संत समिति देशभर में आंदोलन खड़ा करेगी. संपूर्ण मामले में महाराष्ट्र के मंत्री अनिल देशमुख की भूमिका संदिग्ध है. इसलिए विश्वास नहीं कर सकते क्योंकि जांच के एक ही समुदाय का मामला बताते हुए ट्वीट करना एक पक्षीय है. इसलिए मामले की सीबीआई जांच कराने की कृपा करें.
इस तरह से पालघर मामले को लेकर अब राजनीति के साथ-साथ संत समाज भी गुस्से में आ गया है.
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