Palghar Mob Lynching: बच्चा चोरी के शक में की गई थी पालघर में साधुओं की हत्या, ढाई साल बाद भी नहीं मिला इंसाफ
Palghar Mob Lynching News: पालघर जिले (Palghar District) की धानू तालुका में प्रथम श्रेणी की न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 11000 पन्ने का आरोप पत्र दाखिल किया गया.
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Palghar Mob Lynching Case: देश भर में बच्चा चोरी की घटनाओं और अफ़वाहों से कई हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं. इस बीच यूपी, बिहार और झारखंड के कई इलाकों में बच्चा चोरी की अफवाह फैली हुई हैं. साल 2020 के अप्रैल महीने में महाराष्ट्र के पालघर ज़िले में 2 साधुओं सहित 3 लोगों की पीट पीटकर (Mob Lynching) हत्या कर दी गई थी.
घटना को ढाई साल पूरे होने वाले हैं, लेकिन पीड़ित साधुओं को न्याय नहीं मिला. पालघर जिले के गढचिंचाले (Gadchinchale) गांव में 16 अप्रैल 2020 को 500 से अधिक लोगों के भीड़ ने दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
यह घटना उस वक्त हुई थी, जब वे सभी एक कार से सूरत में अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने जा रहे थे. इस घटना के पीड़ितों की पहचान चिकने महाराज कल्पवृक्ष गिरि (70), सुशील गिरि महाराज (35) और उनके ड्राइवर निलेश तेलगडे (30) के रूप में की गई.
बच्चा चोरी की अफवाह में की गई साधुओं की हत्या
आरोप पत्र के अनुसार भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने की घटना से कुछ दिनों पहले गढचिंचाले गांव और आसपास के इलाकों में बच्चा चोरी करने के गिरोहों की अफवाहें फैली. जांच के दौरान यह सामने आया है और साधुओं की पीट-पीटकर हत्या करने की किसी और वजह को खारिज किया जाता है.
महाराष्ट्र सीआईडी ने पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की हत्या करने के मामले में दाखिल आरोप पत्र में कहा कि यह घटना इलाके में बच्चा चोरी के गिरोहों के सक्रिय होने की अफवाहें फैलने की वजह से हुई.
11000 पन्ने का आरोप पत्र
ऐसी अफवाहें थीं कि इन गिरोहों के सदस्य साधु, डॉक्टर की वेशभूषा या पुलिसकर्मियों की वर्दी पहनकर बच्चा चोरी करते हैं. पालघर जिले की धानू तालुका में प्रथम श्रेणी की न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 11000 पन्ने का आरोप पत्र दाखिल किया.
सीआईडी ने इलाके में सोशल मीडिया मंचों पर बच्चा चोरी करने के गिराहों के बारे में चल रहे संदेशों और पोस्ट समेत साइबर साक्ष्य भी जमा किए. उन्होंने कहा कि इन संदेशों और पोस्ट में कहा गया कि इन गिरोहों के सदस्य साधु, डॉक्टरों, पुलिस अधिकारियों, वन या अन्य विभागों के अधिकारियों की वेशभूषा में गांव में आ सकते हैं.
सीआईडी को सौंपी गई थी जांच
पालघर में कासा पुलिस थाने में मामले के संबंध में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए. इस मामले की जांच 21 अप्रैल 2020 को राज्य सीआईडी को सौंपी गई. घटना को लेकर हुए हंगामे के बाद राज्य सरकार ने कासा पुलिस थाने के प्रभारी आनंदराव काले और कुछ अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया. इसके अलावा 35 से अधिक पुलिस कांस्टेबल और अन्य पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया.
800 लोगों से हुई पूछताछ 11000 पन्नों की चार्जशीट जांच के दौरान सीआईडी ने 800 संदिग्ध लोगों से पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए. 100 से ज्यादा लोगों को चश्मदीद गवाह बनाया गया है. दो चार्जशीट में एक चार्जशीट 5 हजार पन्नों की है. वहीं दूसरी चार्जशीट में कुल 6000 पेज हैं. कुल 11 हजार पेज की चार्जशीट बुधवार को दहाणु कोर्ट में दाखिल की गई है. नाबालिगों के खिलाफ केस जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा है. साधुओं की हत्या के इस मामले ने पूरे देश में सियासत तेज कर दी थी. महाराष्ट्र सरकार पर विपक्ष हमलावर हो गया था.
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