पालघर: लॉकडाउन के दौरान पालघर जिले में गडचिंचले गांव मे मॉब लीनचिंग का शिकार हुए साधुओं की मॉब लिंचिंग का कानूनी केस लड़ने जा रहे वकील की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. दिग्विजय त्रिवेदी नाम के वकील अपनी एक जूनियर सहयोगी के साथ मुंम्बई से डहाणू जा रहे थे. मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर कार अचानक सड़क हादसे का शिकार हो गई. इस कार को चला रहे वकील दिग्विजय त्रिवेदी की मौके पर ही मौत हो गई जबकि कार में सवार एक महिला सहकर्मी बुरी तरह घायल हो गई. दिग्विजय त्रिवेदी, मीरा भायंदर इलाके के वकील थे.
सहायक पुलिस निरीक्षक सिद्धवा जायभाये ने कहा, "दिग्विजय त्रिवेदी, डहाणू न्यायालय में पालघर मॉब लीनचिंग में मारे गए दो साधुओं और ड्राइवर का पक्ष रखने के लिए कोर्ट जा रहे थे. दो साधुओं और ड्राइवर का केस लड़ने के लिए दिग्विजय त्रिवेदी को विश्व हिंदू परिषद ने अपना वकील नियुक्त किया था. कोर्ट में पहुंचने से पहले ही दिग्विजय सुबह 10 बजे करीब सड़क हादसे का शिकार हो गए. त्रिवेदी यह MH04 HM 1704 रजिस्ट्रेशन की कार चला रहे थे जब कार से उनका कंट्रोल छूट गया और कार पलट गई. बताया जा रहा है कि दिग्विजय त्रिवेदी, बहुजन विकास आघाडी पार्टी के विधि विभाग के जिला अध्यक्ष थे."
पालघर जिले के गडचिंचले हत्याकांड मामले में आरोपियों की संख्या 141 हो गई है जिसमे 10 नाबालिक बताए जा रहे है. नाबालिक आरोपियों को भिवंडी के बाल सुधार गृह में रखा गया है. इस हत्याकांड के 6 आरोपियों को कोर्ट में हाजिर किया गया जिन्हें 19 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. पहले से गिरफ्तार 106 आरोपियों को 16 मई तक पुलिस हिरासत और 101 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
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