Palghar Sadhu Lynching Case: महाराष्ट्र के पालघर में 2 साधुओं और उनके ड्राइवर की हत्या की जांच राज्य सरकार सीबीआई को सौंपेगी. राज्य सरकार की तरफ से यह जानकारी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई बंद कर दी.


साल 2020 में हुई इस घटना की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग को लेकर 2 याचिकाएं लंबित थीं. पिछली उद्धव ठाकरे सरकार ने इसका विरोध किया था. अब नई शिंदे सरकार ने जांच सीबीआई को सौंपने की बात कही है.


मामला क्या है?
16 अप्रैल, 2020 को 72 साल के संत महाराज कल्पवृक्ष गिरी और 35 साल के सुशील गिरी महाराज अपने गुरु के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए मुंबई से सूरत जा रहे थे. उनकी गाड़ी ड्राइवर निलेश तेलगडे चला रहा था. मुंबई से 140 किलोमीटर दूर पालघर में उग्र भीड़ ने उनकी गाड़ी को घेर लिया. कहा जाता है कि यह भीड़ इलाके में बच्चा चोर गिरोह के सक्रिय होने की अफवाह के चलते जमा हुई थी. भीड़ ने तीनों को गिरोह का सदस्य समझा और पीट कर मार डाला.


घटना का वीडियो सामने आने के बाद देशभर में गुस्से की लहर फैल गई. वीडियो में यह देखा गया कि पुलिस के लोग संत की रक्षा करने की बजाय उन्हें भीड़ के हवाले कर रहे हैं. असहाय बुजुर्ग साधु की इस तरह से हत्या पर लोगों ने तीखा विरोध जताया. मामले की जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी से करवाने की मांग पर महंत सिद्धानंद सरस्वती और वकील शशांक शेखर झा की याचिका काफी समय से लंबित थी. 


पिछली राज्य सरकार की तरफ से जांच CID को सौंपने का याचिकाकर्ता विरोध कर रहे थे. उन्होंने यह भी कहा था कि पालघर लंबे अरसे से देशविरोधी गतिविधियों का केंद्र बनता जा रहा है. ऐसे में राज्य सरकार की तरफ से जांच नाकाफी है. 


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