पनामा पेपर्स मामले (Panama Papers Leak Case) में ईडी ने सोमवार को बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) से पूछताछ की थी. सात घंटे की पूछताछ में ऐश्वर्या से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 37 सवाल पूछे. इन सात घंटों के दौरान 3 बार ब्रेक भी लिया गया. बयान लिखने में ईडी के एक कर्मचारी ने मदद की. ऐश्वर्या से पूछा गया कि वे किस भाषा में जवाब देना चाहती हैं. सवाल-जवाब वाले हर पेज पर ऐश्वर्या के दस्तखत लिए गये हैं. पूछताछ के दौरान बयानों मे शादी परिवार से लेकर आईटीआर तक का जिक्र हुआ. ऐश्वर्या से यह भी पूछा गया कि वह पहले दो बार बुलाने पर क्यों नहीं आईं. साथ ही विदेशी यात्रियों के बारे में भी पूछताछ हुई.


प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ऐश्वर्या राय बच्चन के बयानों के आधार पर अब उनके पति अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan) से भी पूछताछ हो सकती है. ईडी अभिषेक से यह पूछ सकती है कि सवा लाख पाउंड कहां और कैसे खर्च किए? क्या उन्होंने इसकी जानकारी आयकर विभाग या रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को दी थी?


वहीं सोमवार को ऐश्वर्या राय का फिल्मी दुनिया से अलग वास्तविक दुनिया के जांच अधिकारियों से पहली बार सामना हुआ. पूछताछ के दौरान अनेक बार ऐश्वर्या झिझकीं और जवाब के लिए जांच अधिकारियों की तरफ देखा. विदेश में कंपनी के सवाल पर उन्होंने कहा कि पापा की कंपनी थी, पापा जानें. पूछताछ के दौरान ऐश्वर्या को दस्तावेज भी दिखाए गए.  विदेशी कंपनी एमिक पार्टनर्स लिमिटेड में दस्तावेजों पर उनके दस्तखत भी हैं. यह कंपनी विदेशी बिजनेस कंपनी नंबर 621448 थी. यह कंपनी 28 अक्टूबर 2004 को खुली थी. कंपनी के पैसों के स्रोत को लेकर भी ईडी ने एक्ट्रेस से सवाल पूछे. ऐश्वर्या से उनके बैंक खातों की जानकारी भी मांगी गई है.


ऐश्वर्या के पिता का साल 2017 में निधन हो चुका है. अब ऐश्वर्या के बयानों के आधार पर जल्द अभिषेक को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. पूछताछ में अनेक जरूरी तथ्य और बयानों की क्रॉस चेकिंग शुरू की जा रही है. बयानों के आकलन के बाद ईडी मुख्यालय कोई फैसला लेगा.


बता दें कि ऐश्वर्या जब ईडी ऑफिस में पेश हुईं, तो उन्होंने एजेंसी को कुछ दस्तावेज भी सौंपे. मामला साल 2016 में वॉशिंगटन स्थित ‘इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स’ (आईसीआईजे) द्वारा पनामा की कानूनी फर्म मोसैक फोंसेका के रिकॉर्ड की जांच से जुड़ा है, जिसे 'पनामा पेपर्स' नाम से जाना जाता है.