कोलकाताः बंगाल विधानसभा चुनाव में वोटिंग से पहले ममता बनर्जी को एक और झटका लगा है. आसनसोल के पूर्व मेयर और पंडेश्वर के टीएमसी विधायक जितेंद्र तिवारी भाजपा में शामिल हो गए हैं. बंगाल प्रदेश अध्यक्ष दीलीप घोष की मौजूदगी में जितेंद्र तिवारी बीजेपी में शामिल हो गए. इससे पहले केएमसी के प्रशासक फिरहाद हकीम के साथ विवाद होने पर जितेंद्र तिवारी ने टीएमसी और आसनसोल निगम के प्रशासक के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था. बाद में जितेंद्र तिवारी मान गए थे और पार्टी का दामन फिर से थाम लिया था.


इसके पहले आसनसोल के सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने जितेंद्र तिवारी के बीजपी में शामिल होने को लेकर आपत्ति जतायी थी. बाबुल सुप्रियो की आपत्ति के बाद उस समय जीतेंद्र तिवारी बीजेपी में शामिल नहीं हो पाए थे.


टीएमसी में दोबारा शामिल होने के बाद जितेंद्र तिवारी ने एबीपी न्यूज़ से कहा था कि मैं अभी भी टीएमसी में हूं, कुछ गलतफहमी हुई, जिसका बाद में हल निकाल लिया गया. मैंने पार्टी छोड़ने की गलती की है, इसके लिए दीदी से माफी भी मांग लूंगा. इसके साथ ही उनका कहना है कि उन्होंने बीजेपी में शामिल होने के लिए पार्टी का साथ नहीं छोड़ रहे थे.


क्यों छोड़ी थी पार्टी?


जितेंद्र तिवारी का कहना था कि उन्हें किसी भी तरह के काम को करने से रोका जा रहा था, इसलिए उन्होंने आसनसोल नगर निगम प्रशासक मंडल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इस दौरान उन्होंने टीएमसी से भी इस्तीफा दे दिया था.


जितेंद्र तिवारी से पहले ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के कई नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. इन नेताओं में पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी, पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी, पूर्व विधायक वैशाली डालमिया समेत पार्टी के कई नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.


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