नई दिल्ली: महिलाओं, बच्चों और बुजर्गों को खिलाफ हो रहे अपराधों को लेकर केंद्र सरकार का सख्त रवैया जारी है. इनकी सुरक्षा का ख्याल रखते हुए परिवहन मंत्रालय ने राज्य सरकारों को आदेश दिया है कि 1 अप्रैल से पहले सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में जीपीएस और पैनिक बटन लगाए जाएं.


इसके तहत 23 सीटों से ज्यादा वाली बसों, टैक्सी और सार्वजनिक परिवहन के दूसरे माध्यमों में जीपीएस और पैनिक बटन का होना जरूरी है, लेकिन इससे तीन पहिया और ई रिक्शा को बाहर रखा गया है.


केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने पहले भी राज्य सरकारों को ये निर्देश दिया था कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में जीपीएस का इंतजाम किया जाए, लेकिन इसे अब तक लागू नहीं किया जा सका. यही कारण है कि मंत्रालय ने अब इस मामले में सख्ती दिखाई है और कहा है कि जीपीएस और पैनिक बटन लगाने की डेड लाइन (1 अप्रैल) को किसी भी कीमत पर आगे नहीं बढ़ाया जाएगा.


बुधवार को मंत्रालय ने एक ट्वीट कर यह जानकारी मीडिया के साथ साझा की. अपको बता दें कि इससे पहले महिला सुरक्षा को देखते हुए सरकार ने 23 से ज्यादा सीटों वाली बसों में सीसीटीवी लगाने का आदेश जारी किया था लेकिन बाद में इसे प्राइवेसी में दखल मानते हुए लागू नहीं किया गया. वहीं ऑटो रिक्शा को इस कैटोगरी में नहीं रखा गया है.


सूत्रों कि माने तो परिवहन मंत्रालय के इस आदेश के बाद राज्य सरकारें जीपीएस और पैनिक बटन को पुलिस और इमरजेंसी सेवा से जोड़ने का इंतजाम करेंगे ताकि जरूरत पड़ने पर मुसीबत में फंसे लोगों को मदद पहुंचाई जा सके.