चंडीगढ़ः हरियाणा के पलवल जिले में तीन हफ्ते के अंदर सात बच्चों की मौत के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है. मृतक बच्चों की उम्र 14 साल से भी कम है. मृत्यु के कारण का पता नहीं चल पाया है. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौत के कारणों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सर्वे में जुटे हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ओर से डेंगू, निमोनिया, आंत्रशोथ से लेकर स्वच्छता की कमी के कारणों का हवाला दिया जा रहा है लेकिन पुख्ता तौर कोई भी कुछ भी नहीं कह पा रहा है.


पलवल से करीब 20 किलोमीटर दूर चिल्ली गांव में स्वास्थ्य अधिकारी डेरा डाले हुए हैं और मौत के कारणों की जांच में जुटे हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ओर से गांव के लोगों के बीच सर्वे करने में जुटे हुए हैं.


अधिकारियों ने बताया कि सर्वे टीम में महामारी विशेषज्ञ और स्वास्थ्य निरीक्षक शामिल हैं. अधिकारियों ने अंदेशा जताया है कि मौतें गांव में स्वच्छता न होने के कराण उत्पन्न होने वाली किसी बिमारी से हुई होगी.


अधिकारियों ने बताया कि घर-घर सर्वे के दौरान पता चला है कि पिछले 20 दिनों में सात बच्चों की मौत हुई है. वहीं, गांव के सरपंच ने बताया कि इन 20 दिनों में 9 बच्चों की मौत हो चुकी है.


पलवल के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि हमारी टीम डेंगू को लेकर जांच कर रही है लेकिन फिलहाल गांव से लिए गए नमूनों में कोई नमूना डेंगू पॉजिटिव नहीं निकला है.


मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के मुताबिक बच्चों की मौतों में से दो की मौत संदिग्ध निमोनिया के कारण हुई है. एक में गंभीर एनीमिया का मामला बताया जा रहा है. वहीं एक गैस्ट्रोएंटेराइटिस से बुखार के कारण मौत हुई है. एक अन्य बच्चा तेज बुखार और दूसरा सदमे के साथ बुखार के कारण मौत हो गई है.


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