पंकजा मुंडे ने BJP कोर कमेटी से दिया इस्तीफा, कहा- '26 जनवरी से मशाल लेकर पूरे महाराष्ट्र का दौरा करूंगी'
महाराष्ट्र बीजेपी नेता पंकजा मुंडे का बगावती सुर जारी है और आज उन्होंने पार्टी की कोर कमेटी इस्तीफा देने का एलान किया है. इसके साथ ही उन्होंने अपने आगे के प्लान के बारे में भी बताया.
मुंबई: महाराष्ट्र बीजेपी के बड़े नेताओं में शुमार पंकजा मुंडे ने बीजेपी की कोर कमेटी को छोड़ दिया है. पिछले कई दिनों से पंकजा के बगावती होने की चर्चा गर्म थी. इसके बाद अब पंकजा ने आज ऐलान कर दिया कि वह अपने पिता के नाम पर मुंबई में ऑफिस बनाकर 26 जनवरी से मशाल लेकर पूरे महाराष्ट्र का दौरा करेंगी. अपने पिता गोपीनाथ मुंडे की जयंती पर एक कार्यक्रम में बीड के मंच से पंकजा मुंडे ने महराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की मौजूदगी में इसका एलान किया. पंकजा ने महाराष्ट्र बीजेपी के नेताओ पर उनके खिलाफ साजिश का भी आरोप लगाया.
इससे पहले 1 दिसंबर को फेसबुक पोस्ट लिखकर पंकजा मुंडे ने ऐलान कर दिया था कि 12 दिसंबर को अपने पिता के जयंती के दिन वह कोई बड़ा फैसला ले सकती हैं. आज उन्होंने अपने चुनावी क्षेत्र में जनता के सामने अपना फैसला सुना दिया. पंकजा ने बीते दिनों को याद करते हुए बताया कि 1 दिसंबर को फेसबुक पोस्ट किया और उसके बाद अब 12 दिनों तक उनके बारे में ही बात कर रहे हैं.
पंकजा मुंडे ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इसी मैदान में उन्होंने गोपीनाथ मुंडे साहब को मुखाग्नि दी थी. उन्होंने कहा कि गोपीनाथ मुंडे ने कभी किसी के पीठ में खंजर नहीं भोका. पंकजा ने कहा कि वह चुनाव के एक दिन पहले तक दूसरे उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रही थीं. उन्होंने कहा कि वह एक-एक विधायक के संग मिलकर काम कर रही थीं.
महाराष्ट्र बीजेपी के खिलाफ आक्रोश जाहिर करते हुए पंकजा ने कहा, ''मैं बगावत क्यों करूं. लोगो ने मेरे खिलफ साजिश की. मेरे पिता बीजेपी को जीरो से यहां तक लाए और मैंने भी योगदान दिया है, लेकिन अब अब पार्टी निर्णय ले क्या करना है. मैं पार्टी नही छोडूंगी. लेकिन पार्टी इस बात का पता लगाए कि मेरे खिलाफ किसने साजिश की.''
पंकजा मुंडे ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर विद्रोह नहीं हुआ होता तो क्या हमारे देश को आजादी मिलती. पंकजा ने इस दौरान शेर के माध्मय से भी बीजेपी नेतृत्व पर हमला बोला. उन्होंने कहा, '' शांत बैठी हूं ये मत समझना आग नहीं मेरे अंदर, डरती हूं समंदर न कम पड़ जाए आग बुझाने के लिए.''
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