मुंबई: बीजेपी नेता पंकजा मुंडे ने अपने ट्विटर प्रोफाइल से बीजेपी हटा दिया है. पंकजा मुंडे ने 12 दिसंबर को अपने कार्यकर्ताओं से मिलकर बड़ा एलान करने वाली हैं. इसका एलान पंकजा ने अपने फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए किया था. पंकजा मुंडे ने अपनी फेसबुक पेज पर लिखा कि चुनाव के नतीजे सामने आए, उसके बाद राजनीतिक घटनाक्रम तेज हो गया, कोर कमेटी की बैठक, पार्टी की बैठक , यह सब आपने देखा. चुनाव में मिली हार के बाद मैंने मीडिया के सामने जाकर अपनी हार स्वीकारी और विनती की, कि हार की जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ मेरी है .


पंकजा मुंडे ने आगे लिखा कि चुनाव पराभव के बाद दूसरे दिन ही पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में मैं उपस्थित थी. पहले देश... फिर पार्टी और अंत में खुद ..., यह संस्कार बचपन से मुझ में है. जनता के प्रति कर्तव्य से बड़ा और दूसरा कोई कर्त्तव्य नहीं है. यह बचपन से ही गोपीनाथ मुंडे साहब ने सिखाया है. इसी सीट की वजह से उनकी मौत के तीसरे ही दिन मैं काम में लग गई .



पंकजा ने लिखा कि 5 साल तक सत्ता में रहते हुए आप सब की सेवा की. यह सेवा का मौका सिर्फ और सिर्फ आपके विश्वास की वजह से मुझे मिला और आज पराभव के बाद भी व्यथित लोगों ने मुझे मैसेज किए, फोन किए और मिलने की इच्छा जताई .बहन आप से मिलना है , समय दे बहन आपको एक बार देखने का मौका तो दे .आप सब ने मेरे लिए कितनी संवेदना व्यक्ति की .


पंकजा ने अपने समर्थकों को अपना कवच कुंडल बताते हुए आगे लिखा कि मैं आप सब की खूब आभारी हूं. मुझे इसका पूरा विश्वास है कि आप सब का प्रेम मुझ पर है और यही मेरा कवच कुंडल है . मुंडे साहब एक क्षण में मुझे राजनीति में लेकर आए थे और एक ही क्षण में मुंडे साहब हमें छोड़ कर चले गए. पहली बार मुंडे साहब का आदेश मानकर मैं राजनीति में आई थी उसके बाद जनता के प्रति जिम्मेदारी के वजह से मैं राजनीति में रही आज राजनीति में हुई बदलाव जिम्मेदारी में हुए बदलाव इन सभी बदले हुए संदर्भ का विचार कर आगे की रणनीति तय करने की आवश्यकता है.



आप सभी मेरा वक्त चाहते हैं. मैं आपको वक्त देने के लिए तैयार हूं . 8 से 10 दिन बाद , यह 8- 10 दिन में मुझे खुद से बात करनी है जिसके लिए मुझे समय चाहिए. आगे क्या करना है ? किस रास्ते पर निकलना है ? अपने लोगों को हम क्या दे सकते हैं ? अपनी शक्ति क्या है ? लोगों की अपेक्षा क्या है ? इन सब विषयों पर हर तरह से विचार करके 12 दिसंबर को मैं आपके सामने आऊंगी .


12 दिसंबर, लोक नेता गोपीनाथ मुंडे साहब का जन्मदिन. उस दिन मैं आपसे मन से बात करूंगी . जैसा आपको लगता है , मुझसे बात करना चाहिए, मुझे देखना चाहिए वैसे ही मुझे भी लगता है कि आपसे मैं बात करूं. मैं महाराष्ट्र की जनता के लिए बोल रही हूं आप से संवाद करने की उत्सुकता मेरे मन में है , नहीं तो मैं किस से बात करूंगी आपके सिवा है कौन मेरा .