पन्नू की हत्या की साजिश का मामला: केंद्र सरकार की बनाई कमेटी ने आरोपी पर एक्शन की सिफारिश की
Pannu Murder Conspiracy Case: अमेरिकी की ओर से खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के प्रयास का आरोप लगाए जाने के बाद नवंबर 2023 में उच्च स्तरीय पैनल का गठन किया गया था.
India America Relations: भारत और अमेरिका के सुरक्षा हितों को नुकसान पहुंचे वाले कुछ संगठित आतंकवादी संगठनों, आपराधिक समूहों और ड्रग्स तस्करों के बारे में अमेरिकी अधिकारियों ने जानकारी दी. इस पर भारत सरकार ने जो 20023 में उच्च स्तरीय जांच समिति बनाई थी उसने एक रिपोर्ट सौंपी है और एक शख्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की है.
खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश भारतीय एजेंटों की ओर से किए जाने के अमेरिका के आरोप के बाद जांच का आदेश दिया गया था. गृह मंत्रालय (एमएचए) ने एक बयान में कहा कि लंबी जांच के बाद समिति ने एक व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की है, जिसके पिछले आपराधिक संबंध और पृष्ठभूमि भी जांच के दौरान सामने आई थी. हालांकि, गृह मंत्रालय के बयान में किसी ऐसे व्यक्ति का नाम नहीं बताया गया जिसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है.
अमेरिका ने दिए सबूत, समिति ने की पूछताछ
गृह मंत्रालय ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों के सुरक्षा हितों को कमजोर करने वाले कुछ संगठित आपराधिक समूहों, आतंकवादी संगठनों, मादक पदार्थ तस्करों आदि की गतिविधियों के बारे में अमेरिकी अधिकारियों से जानकारी प्राप्त होने पर भारत सरकार ने नवंबर 2023 में एक उच्चाधिकार प्राप्त जांच समिति गठित की.
समिति ने खुद अपनी जांच की और अमेरिकी पक्ष की ओर से प्रदान किए गए सुरागों का भी अनुसरण किया और इसे अमेरिकी अधिकारियों से पूर्ण सहयोग मिला. इस दौरान दोनों पक्षों ने दौरे भी किए. समिति ने विभिन्न एजेंसियों के कई अधिकारियों से आगे की पूछताछ की और इस संबंध में प्रासंगिक दस्तावेज की भी पड़ताल की.
कानूनी कार्रवाई तेजी से करने की समिति ने की सिफारिश
बयान में कहा गया है, ‘‘लंबी जांच के बाद, समिति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और एक व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की है, जिसके पिछले आपराधिक संबंध और पृष्ठभूमि भी जांच के दौरान सामने आई है.’’ समिति ने सिफारिश की है कि कानूनी कार्रवाई तेजी से पूरी की जानी चाहिए.
बयान में कहा गया है, ‘‘समिति ने प्रणालियों और प्रक्रियाओं में कार्यात्मक सुधार की सिफारिश की है तथा ऐसे कदम उठाने की भी सिफारिश की है, जिससे भारत की प्रतिक्रिया क्षमता मजबूत हो सके, इस तरह के मामलों से निपटने में व्यवस्थित नियंत्रण और समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित हो सके.’’
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